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________________ सिरिसंतिनाहचरिए अटुम-नवमभवग्गहणाई णिग्गओ महाविभूईए सत्तहिं देवीसहि परिवारियाए लच्छिमइदेवीए सममणुगम्ममाणो पत्तो सूरनिवार्य नाम उज्जाणं । तत्थ य कीलिउ पवत्तो जणो नाणाविहकीलाहिं, अवि यसंताणयम्मि दिट्ठी वियसइ लोयाण सालियाणं व । साहारयम्मि लग्गइ अहिययर वा नराणं व ॥३॥२८३२॥ तह कुरवयम्मि खिज्जइ विसेसओ दहियमंथयाण व । अच्चत्थं संडायइ असोयए जिणमुणीणं व ॥४॥२८३३॥ कुडएसु बंधइ रई साणुणय नीरवाहियाणं व । तिलएसु मुज्झइ खणं सहस चिय कामुयाणं व ॥५॥२८३४॥ तहा य-५ किंसुयपायवेसु परिमुज्झइ धावइ सिंद्ववारए, वियसइ माहवीसु दिसिजुत्त विलुब्भइ बउलभारए। पाडलपल्लवेसु न य तिप्पइ गुप्पइ चूयसाहए, लोयहं दिढि झत्ति चंदणतरुगहणमहाऽवगाहए ॥६॥२८३५॥ इय बहुलोयह दिदिया विलसइ तत्थ वणंतरालयम्मि । नाणाविहरसनिभरा तम्मि वसंतरिउस्स कालयम्मि ॥७॥२८३६॥ बहुविहवम्महकेलिरस, दोलारमणसहम्मि । कीलइ इय नीसेसजणु, तहिं उजाणवरम्मि ॥८॥२८३७॥ एवं च कीलमाणे जणे वज्जाउहकुमारो नियदेवीसमन्निओ जलकीलानिमित्तं समोइण्णो पियदसणाए बावीए । जा य-१० वरगोणि ब्ब सुपओहरा, गोविंदमुत्ति व्व पउमालिंगिया, जिणिंदवाणि व्व समयरा, रायसेण ब्व संफरिया, पढमपाउसाडवि व्य हरियाउला, नंदियड्ढवाणि व्व गाहविसेसमन्निया । किंच१. परियरि का० ।। २. दिहिजु का० ।। ३. सफरया का० ।।
SR No.600084
Book TitleSiri Santinaha Chariyam
Original Sutra AuthorDevchandasuri
AuthorDharmadhurandharsuri
PublisherB L Institute of Indology
Publication Year1996
Total Pages1016
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size17 MB
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