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________________ देखें पृ० २२४-२२६ ।) पा०- गायकवाड़ी नं०- १०६ । पत्र- ३१३ । प्रति की लम्बाई चौडाई- ३०४२॥” इंच । (यह प्रति मूलत: संघ भंडार की है।) जे०-क्रमाङ्क- २५५ । नाम- शान्तिनाथचरित्र गाथाबद्ध । पत्र- ३९७ । भाषा- प्राकृत । कर्ता- श्रीदेवचन्द्रसूरिजी । ग्रन्थान१२१०० । रचना संवत्- ११६० । लेखन संवत्- अनुमानत: १३ वीं शताब्दी । स्थिति और लिपि-श्रेष्ठ । प्रति की लम्बाई चौडाई३०"४२।" इंच । ३७७ और ३७९ वा पत्र अन्य लेखक द्वारा लिखित है। का०-क्रमाङ्क- १६६७ । पुस्तक नाम-शान्तिनाथचरित्र गद्य-पद्यबद्ध । पत्र - ३३० । भाषा-प्राकृत । ग्रन्थकर्ता-श्री देवचन्द्रसूरीश्वरजी । ग्रन्थान-१२१०० । रचना संवत्-११६० । लेखन संवत्-अनुमानत: १७वीं शताब्दी । स्थिति-मध्यम । लम्बाई चौड़ाई- १०x४||" इंच । विशेष-पत्र ७वां नहीं है और २४वां डबल है। इस ग्रन्थ के अन्त में चार परिशिष्ट हैं । प्रथम परिशिष्ट में ग्रन्थ में उल्लेखप्राप्त राजाओं, रानिओं, श्रेष्ठियों, नगरों, नदियों, ग्रामों, पर्वतों, आदिके विशेष नामों का उल्लेख अकारादिक्रम से परिचय, एवं पृष्ठाङ्क सहित लिखा है। कथाओं में एक ही नाम का अनेक बार प्रयोग स्वभाविक है, अत: मैंने उन सभी पृष्ठाकों के बदले मात्र पहले १ पृष्ठाङ्क को ही सूचित किया है। वही व्यक्ति यदि उसी
SR No.600084
Book TitleSiri Santinaha Chariyam
Original Sutra AuthorDevchandasuri
AuthorDharmadhurandharsuri
PublisherB L Institute of Indology
Publication Year1996
Total Pages1016
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size17 MB
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