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नमिस्स णं अरहओ कालगयस्स जाव सबदुक्खप्पहीणस्स पंच वाससयसहस्साइंश्रीजिना
नामन्तचउरासीइं च वाससहस्साई नव य वाससयाई विइक्वंताई, दसमस्स य वाससयस्स अयं ।।
राणि असीइमे संवच्छरे काले गच्छइ ॥ १८५॥२१॥ | मुणिसुव्वयस्स णं अरहओ कालगयस्स इक्कारस वाससयसहस्साई चउरासीइं च वास. सहस्साइं नव वाससयाई विक्कंताई. दसमस्स य वाससयस्स अयं असीइमे संवच्छरे काले गच्छइ ॥ १८६॥२०॥ RI मल्लिस्स णं अरहओ जाव सवदुक्खप्पहीणस्स पन्नढिं वाससयसहस्साई चउरासीइं|
च वाससहस्साइं नव वाससयाई विइक्वंताई, दसमस्स य वाससयस अयं असीइमे संवच्छरे काले गच्छइ ॥ १८७॥ १९॥ | अरस्स णं अरहओ जाव सव्वदुक्खप्पहीणस्स एगे वासकोडिसहस्से विइकंते, सेसं जहा मल्लिस्स, तं च एयं-पंचसटुिं लक्खा चउरासीइं सहस्सा विइकंता, तंमि समए महा
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