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________________ ॥ ४ ॥ Jain Education Interna श्रीजैन - आत्मानन्द-शताब्दि - ग्रन्थमाला बृहत्तपागच्छान्तर्गतसं विमशाखीय आद्याचार्य-न्यायाम्भोनिधि-संविग्नचडामणि- स्व- परसिद्धान्तोदधिपारगाभी जैनाचार्य श्रीमद्विजयानन्दसूरीश्वरजी प्रसिद्धनाम श्रीआत्मारामजी महाराजके जन्म-शताब्दिमहोत्सव के चिरस्मरणनिमित्त आपके पट्टधर, अपने असाधारण सदुपदेशके प्रभाव से श्रीमहावीर जैन विद्यालय, मुंबई, श्रीआत्मानंद जैन गुरुकुल, गुजरांवाला, ( पंजाब ) श्रीआत्मानन्द-जैन हाईस्कूल, अंबालासिटी, (पंजाब) श्रीपार्श्वनाथ जैनविद्यालय, वरकाणा, (मारवाड़) श्री आत्मानन्द- जैन-लायब्ररी, पूनासिटी, इत्यादि भिन्न भिन्न प्रान्तों में विद्यालय, छात्रालय, गुरुकुल, लायब्रेरी, पुस्तकालय, ग्रन्थालय, औषधालयादि अनेक जैनसमाजोपयोगी धार्मिक व्यवहारिक संस्थाओंके संस्थापक धर्मधुरंधर पूज्यपाद शान्तिप्रिय - आचार्य श्रीविजय वल्ल मसूरीश्वरजी महाराजकी आज्ञासे संस्थापित. - ग्रन्थांक ८ प्राप्तिस्थान श्री जैन आत्मानंद - सभा. भावनगर ( काठियावाड ). [ स्थापना विक्रम संवत् १९८९, आत्मसंवत् ३८, वीरसंवत् २४५९, ईस्वी सन् १९३३ ] For Private & Personal Use Only -%2%% ainelibrary.org
SR No.600062
Book TitleTrishashti Shalaka Purush Charita Mahakavyam_02
Original Sutra AuthorHemchandracharya
AuthorCharanvijay
PublisherAtmanand Jain Sabha
Publication Year1950
Total Pages574
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size11 MB
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