________________
महूम शेठनी दीकरी, शेठना मृत्युपत्रनी एक एक्झिक्युट्रिक्स, अने महूम शा० मूलचंद नगीनदास झवेरीनी विधवा बाई वीजकोरनी, रू. २५००० (पचीश हजार ) उपरांतनी रकमनी आखी मिल्कत बाई वीजकोरना मृत्युपत्रना टूस्टीयो तरफथी, ईस्वी सन् १९११ना एक दस्तावेजद्वारा भेट मळवाथी, तथा मर्दुम शेठना भत्रीजा अने फंडना मुख्य ट्रस्टी महूम शेठ नगीनभाई घेलाभाई झवेरीना मृत्युपत्रनी रूये रू. २००० (बे हजार )नी रकम तेमना ट्रस्टी अने एक्झिक्युट्रिक्स "बाई चंदन उर्फे लीलावती" तरफथी | ईस्वी सन् १९२२मा भेट मळवाथी तथा परचुरण व्याजनी रकमो मळवा-वधवाथी फंडनु भंडोल रू० ११०००० (एक लाख दश हजार)ना आशरानुं थयुं छे.
फंडनो आन्तरिक उद्देश "जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक धार्मिक साहित्यनी, जेवू के प्राकृत, मागधी, संस्कृत, गुजराती, अंग्रेजी वगेरे | भाषामा लखायेला वंचायेलां प्राचीन पुस्तको, काव्यो, निबन्धो, लेखो वगैरेनी जाळवणी, खीलवणी, पुनरुज्जीवन, रक्षण अने अभिवृद्धि करवानो छे." प्राचीनतानी हद विक्रम सं० १९५० पूर्वेनी ट्रस्टडीडमां आंकवामां आवेली छे. | शेठ केशरीचंद रूपचंद सने १९१६मां ट्रस्टीपदमाथी मुक्त थया, अने शेठ नगीनभाई घेलाभाई सं० १९७८,-ईस्वी सन् | १९२१मा देहमुक्त थवाथी तेमना स्थाने शेठ अमरचंद कल्याणचंद अने शेठ नेमचंद अमेचंद जे. पी.ने सने १९२६मां दृस्टी | निमवामां आव्या. भाई श्री गुलाबचंद देवचंद सं० १९८३-सन् १९२७मां देहमुक्त थवाथी, तथा शेठ फुलचंद कस्तूरचंदना सने १९२८ना राजीनामाथी तेमना स्थाने शा० नेमचंद गुलाबचंद देवचंद अने शेठ हीराभाई मछुभाईर्नु सने १९२९मां दृस्टी तरीके संवरण करवामां आव्युं, अने ए चारे नवा ट्रस्टीओd सने १९२९मा निमणुकखत (एपोइंटमेंट-डीड) करावी लेवडाव्युं.