________________
SARKA
श्रावकधर्म- कुजा मतपरिन्ना इंगिणिपाओवगमणं वा ॥१॥" जइ संलेहणा न कजइ तो अट्टज्झाणं उप्पजइ, जओ भणियं-“देहंमि अनशन पश्चाशक-18
असंलिहिए सहसा धाऊहिं खिज्जमाणीहिं । जायइ अझज्झाणं सरीरिणो चरिमकालंमि ॥१॥" न पुण अगीयसमीवे अणसणं विधिः चूर्णिः ।
कायवं, जओ आह-" नासेइ अग्गीओ चउरंगं सबलोयसारंगं । नटुंमि य चउरंगे न हु सुलभं होइ चउरंग ॥१॥ चउरंग
माणुसत्सुइसद्धासंजमवीरीयलक्खण, "किह नासेज अगीओ खुहापिवासाहिं पीडिओ सो उ । ओभासइ रयणीए तो निद्ध॥१२९॥
म्मोत्ति छड्डेजा ॥ २ ॥ अंतो वा बाहिं वा दिया व राओ व सो परिच्चत्तो। अदृदुहवसट्टो उनिक्खमणाइ कुजाहि ॥ ३ ॥ मरिऊणऽदृज्झाणा गच्छइ तिरिएसु वणयरेसुं वा । संभरिऊण य रुट्ठो पडिणीयतं करेजाहि ॥ ४ ॥ ॥ तम्हा गीयत्थेणं पवयणगहियत्थसवसारेणं । निजवएण समाही कायदा उत्तम मि ॥५॥ तहा गीयत्थस्सवि असंविग्गस्स पासे न कायचं, जओ तस्स समीवे-"आहाकम्मियपाणगपुप्फा सीया य बहुजणे नायं । सेजा संथारोवि य उवहीवि य होइ अविसुद्धो ॥६॥ असंविग्गो बहुजणस्स नायं करेइ-मत्तपच्चक्खाउत्ति, ताहे जणो पुष्पाणि आणेइ, सीयत्ति उदगफुसियाहिं सिंचेइत्ति, तम्हा संविग्गसमीवे कायवति । तहा-" एकमि निजवए विराहणा होई काहाणी य । सो सेहाविय चत्ता पावयणं चेव उडाहो ॥७॥" तहा भत्तपच्चक्खाणकाले आयरिएण सयं आलोएयवं, नेमित्तिओ वा देवया वा पुच्छियवा, जाव भत्तपच्चक्खाण समप्पड़ ताव सिवाईणि किं अस्थि उय नस्थि, तहा कि पच्चक्खाणस्स पारगो होही नवत्ति, जइ पारगो तो इच्छियबो, इहरा पडिसेहिति, तहा आयरिएणं गणो पुच्छियहो, पुच्छासु गुणदोसविभासा, तहा जो भत्तं पञ्चक्खाइ तेण | गणो गणेण आयरिएण वा सो परिक्खियो, तत्थ गणस्स-"कलमोयणो य पयसा अन्न व सभाव अणुमयं जस्स।" गणेण 8॥ १२९ ।।
HASASHASAWAL
R ISA
%A%
A7%
JainEducation int
For Private 3 Personal Use Only