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________________ श्रीमहाभारतम् । लोकानुमची भीमो वा सततनयं (द्रोण) १३१.५ भीष्मः या पितुः प्रिय (आ) ६५.४८ भीष्मः पुरुषमानी (उद्योग) १७७.१२ भीष्म द्रोणं कृपं दौणि (सभा) ३५.२ भीष्मः श्वतेश्च ययधे (भीष्म)४८.४३ भीमो वा मतपत्रेण टोण) १३१.११ भीष्म त्वमसि धर्मजः (उद्योग) १७४.५ भाष्मप्रतापात् कुरवा (उद्योग)५१.३६ भीष्म प्रमुखतः कृत्वा (द्रोण)१४७.६२ भीष्मः समरविक्रान्तः (द्रोण) १.४२ भीमोऽस्त राजा मम (कर्ण) ७०.४७ भीष्मद्रोणकृपादीना (उद्योग) ६.१० भाष्मः प्रस्थाप्य राजा (विरा) ५२.२१ भीष्मं मतिमतां मुख्य (सभा) ४०.२ भीष्मः समवदत्तत्र गिर(विरा) २८.४ भीरो-मदन-शंखनां (भीष्म) ६६.१६ भीष्म द्रोण कृपादीनां (उद्योग)६०.१० भीमप्सु रणे यान्तं (भीष्म) ११०.६ भीष्मं महात्माऽभिववर्ष (भीष्म)६०.२८ भीष्मसेन तं चापि(भीष्म) १११.३६ भीरु राजन्यो ब्राह्मण(शांति)२६०.२५ भीष्म द्रोण कृष द्रोणि (कर्ण) २०.३० भीष्मः प्रासृजदुयाणि (कर्ण) ७३.२६ भीष योद्धमभीप्सन्तः (भीष्म)६६.१७ भीष्मः सेनापतिः (आश्व) ६०.८ भीरुस्तथा शूरमानी (वन) १६०.४० भीष्मद्रोणत्रपादींश्च (वन) २५२.११ भीष्ममेव प्रपद्यस्व (उद्योग) १८६.४ भीम रथात पश्य (भीम) try भीष्मः सेनाप्रणेतासी (द्रोण) ५.५ भीरूणामसतां मार्गे (द्रोण) ११०.६६ भीष्मद्रोणप्रमुखतः (भीष्म) २५.२५ भीष्ममाधिरथिदृष्ट्वा (द्रोण) ३.८ भीष्म वा शाल्वराज (उद्योग)१७७.१४ भीष्मः सैन्येन महता (भीष्म) ५१.११ भीरूणां वासजनन (कर्ण) ४०.१५ भीष्मद्रोणमुखान्सर्वान् (भीष्म) ५६.४४ भीष्ममेवाभिदुद्राव (भीष्म) ११७.२० भीष्म शान्तनवंयुद्ध (भीष्म) ४८.२३ भीष्मस्ततः शान्तनबो (विरा) ६६.४ भीरूणां त्रासजनने (द्रोण) १०४.१५ भीष्मद्रोणमुखास्तत्र (विरा) ३६.२ भीष्ममेवाभ्यलीयन्त (भीष्म) ७१.१० भीष्म शान्तनवं बुद्ध (आश्रम)२६.३२ भीष्मस्तदास्वयं कन्या (आ) १०२.११ भीरूणां त्रासजनने (द्रोण) १५४.३८ भीष्मद्रोणार्णव (द्रोण) १६६.२६ भीष्म कुरुणामृषभ (भीर) १२१.२६ भीष्मं शान्तनवं दृष्ट्वा (भीष्म)१२०.११ भीष्मस्तु निहते (भीष्म) ५४.११५ भीरुबित्रासकारिण्यः (कर्ण) ५२.३३ भीष्मत्रोणावतिक्रम्य (द्रोण) १३१.६ भीष्मं च धृतराष्ट्र च(सभा) ४५.४८ भीष्मं समभिद्राव (भीष्म) ४८.६१ भीष्मस्तु रथिनां धेष्ठो(भीष्म)७२.२१ भीषणं वद्धनिस्त्रिशं (आश्व) ५५.१७ भीष्मद्रोणावतिरथी (कर्ण) १०.२४ भीष्मं च शरवर्षाणि (भीष्म) ५६.६६ भीष्मवेगमपर्यन्त (उद्योग) १६०.१२२ भीष्मस्तु वेदनां (भीष्म) १२१.१० भीषणं सुमहाराज (द्रोण) १५६.२२ भीष्मद्रोणी कृपद्रोणी (वन) २४६.१५ । भीष्मं च समुदीर्यन्तं (भीष्म) ४६.५३ भीष्मवेगमपर्यन्तं (उद्योग) १६१.४० भीष्मस्य कोपस्तव (उद्योग) ३७.४३ भीषणविकृत रन्योरै (आ) २१.५ भीष्मद्रोणवधेनैव (कर्ण) ६.१३ । भीष्म जहि महावाहो(उद्योग)१७७.३६ भीष्मः शान्तनवः (भीष्म) ४८.६२ भीष्मस्य च वधस्तात (द्रोण) ११.४४ भीषयित्वा रथानीक (द्रोण) १२७.७४ भीष्मद्रोणी कृपश्चैव (भीष्म) ६५.१३ भीष्म जुगपुरासाद्य (भीष्म) ४८.४७ भीष्मः शान्तनवो भूयो(भीष्म)६४.७४ भीष्मस्य चास्य वचना(आ) १०५.३६ भीष्मकं च महावीर्य (सभा) ४४.१६ भीष्मद्रोणी महात्मानौ (स्वर्ग) ५.१ भीष्म तु रथवंशेन (भीष्म) १८.५० भीष्मः शांतनवो (उद्योग) ५७.१२ । भीष्मका बुद्धिजाय (उद्योग)१७८.२८ भीमटोणी समानाय्य (वन) १३.३ भीमं तु समरे ऋद्ध (भीम) ८५.१ भीष्मः शान्तनवो विद्वान (आ) २०६.१ भीष्मस्य तद्वचः श्रुत्वा (भीष्म)६४.७० भीष्मः किमकरोत् तत्र (भीम) ५६.२ भीष्मद्रोणी हतौ श्रत्वा(द्रोण) ११४६ भीष्म द्रोणं कृपं कर्ण (उद्योग) ५७.५० भीष्मः शान्तन्वस्तूर्णस्ट्र (भीष्म) १७.८ भीष्मस्य तु पितुश्चेव (उद्योग)१२६.२१ भीष्मः कृत्वा महाव्यूह (भीष्म) ८७.५ भीष्मः पितामहाचैव (शल्य) २.१६ भीष्मं द्रोणं कृपं चैव (उद्योग)८३.४७ भीष्मश्च कुरुशार्दूल (वन) ८५.११३ भीष्मस्य तु वचः श्रुत्वा(उद्योग)४६.४३ भीष्मकोथाकृतिश्चैव (सभा) ४.३१ भीष्मः पितामहो राजा (वन) १.३५ भीष्म द्रोणं कृपं चैव(भीष्म)१०३.४३ भीष्मश्च धृतराष्ट्रश्च (सभा) ६८.१३ भीष्मस्य निधन प्रेप्सु(भीष्म) ११६.१४ For Private Personal Use Only
SR No.600055
Book TitleMahabharatam
Original Sutra AuthorNagsharan Sinh
Author
PublisherNag Prakashan Delhi
Publication Year1992
Total Pages840
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size30 MB
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