________________
श्रीमन्महाभारतम् : : श्लोकानुगमणी
४६२ पश्यामि स्म महाबाहुं (आ) १२८.६४ पश्वध्वं विदशाः सर्वे (अनु) १४.३३५ पश्य पाण्डव मेऽवस्थां (विरा) २०.२० पश्य मा त्वं रणे पाप(कणं) २४.३ पश्य वेश्मानि रोक्मणि (उद्योग)१००.६ पश्यती भवते दृष्टी (शांति) २४८.५ पश्यध्वं ह्यायती वृतौ (सभा) ७०.१५ पश्य पार्थ धनुः श्रेष्ठं (कर्ण) ६०.३५ पश्य मां स्वेन रूपेण (वन) १६.५६ पश्य वैकन्नि कर्ण (स्त्री) २१.२ पश्यतेमं सुविपुलं (आश्व) १०.११२ पश्य नागोत्तमसुते (आश्व) ८०.३१ पश्य पार्थ महारोद्रो (कर्ण) ५८.१० पश्य मायाप्रभावोय (वन) ३०.५२ पश्य म्यूह महेष्वास (भीष्म) ८७.१६ पश्यतेमो हि मे बाहू (द्रोण) १९६.४८ पश्य नानाविधाकार (वन) १२६.५ पश्य पार्थ यथा द्रोणी: (कर्ण) ५६.४० पश्य मूर्धाभिषक्ता (द्रोण) १५०.१२ पश्य शान्तनवं कृष्ण (स्त्री) २३.१५ पश्य तेषां कृपणतां (शांति) १०४.४३ पश्य नीलाम्बुदनिभान् (कर्ण) ६०.८३ पश्य पार्थ यथा सेना (कर्ण) ११.२३
पश्य मे धनुषो (उद्योग) .१७६.२६ पश्य शैनेय सैन्यानि(द्रोण) ११०.७१ पश्यतो भीमसेननस्य (द्रोण) १६१.१२ पश्यन्तः पादपांश्चापि (वन) १५८४४ पश्य पुत्रांस्तथा (उद्योग) १२४.५८
पश्य में पार्थ रूपाणि (भीष्म) ३५.५ पश्य सात्वतभीमाभ्यां (कर्ण) ६०.७ पश्यतो भीमसेनस्य (द्रोण) १७२.२० पश्यन्तस्ते नरव्याघ्रा (वन) १४५.४२ पश्य प्रह्लाद भूतानाम(शाति) १७६.१० पश्य में बाहुवीयं च (उद्योग)१७८.५६ पण्य सात्वतमुख्येन (सभा) ४७.२५ पश्यतो वासुदेवस्य (भीष्म) ५६.३५ पश्यन्तः स्त्रीगणास्तत्र (आ) ६६.१० पश्य प्रह्लाद संयोगान्(शांति) १७६.१२ पश्य में भुजयोर्वीर्यम (कर्ण) ६४.४४ पश्यत्यचिष्मती (वन) २१८.६ पश्यन्ति नूनं पितरः (शल्य) ५.३८ पश्य बाहू सुवृत्तौ मे(आ) १५३.६ पश्य मे विक्रमं राजन्(भीष्म)१०७.३१
पश्य सैन्यानि गाङ्गेय (भीष्म) १०६.१७ पश्य त्वं गजितस्यास्य(ग्रोण) १५८.३२ पश्यन्ति योगा: (शांति) ३१८.१०१ पश्य वाह्वोर्बल मेऽद्य (कर्ण) ७९.५० पश्य मेऽस्त्रबलं घोरं (द्रोण) १६.३
पश्य सैन्यानि वाष्र्णेय (द्रोण)१८३.३५ पश्य त्वं मां रणे (उद्योग) १६३.४३ पश्यन्ति हि भवन्तोद्य (सभा) ४५.१३ पश्य बाह्वोश्च मे वायं (द्रोण) १०३.१८ पश्यं तथैव चापश्यन् (शांति) ३१८.७२
तश्य हप्सरसो दिव्या (शांति)२७२.१५
पश्य ह्यन महाबाहो (कर्ण) ६०४३ पश्य दिव्यं सुरुचिरं (वन) १४६.५ पश्यन्तु तपसो वीर्य (आश्रम) २६.२१ पश्य भद्रे यथा मावा (अनु) ५४.२५ पश्य यद्यत्र ते कश्चिद् (उद्योग)९६.१६ पश्य दुयोधनं कृष्ण (स्त्री) १७.१७ पश्यन्तु विप्राः परिपूर्ण(वन) १३३.१५ पश्य भागश्चतुर्थो मे(सोप्तिक) ४.२३ पश्य यूवं महाघोरं (शल्य) ५४.३५
पश्यादित्यान बसून (भीष्म) ३५.६ पश्य देवस्य माहात्म्य (शांति) ३३६.२६ पश्यन्तु सर्वसैन्यानि (द्रोण) १४५.३३ पश्य भारत चापानि (कर्ण) १६.२६ पाय यचं महाबाहो इति(शल्य)३४.१३
पश्यार्थतन्महाघोरे (भीष्म) ११२.२५ पश्य देवोपधादि (वन) १७६.२८ पश्यन्तो रमणीयानि (आ) १८५.४ पश्य भारत चापानि (कर्ण) ५८.११ पश्य राधेय पञ्चालान (ब्रोण) २२.११
पश्यापश्यं यो न (शांनि) ३१८.८२ पश्य दोषान् पाण्डव (उद्योग) ३७.४२ पश्यन्स्येवंविधं सिद्धा (आश्व) १७.३३ पश्य भीमं महाबाहो (द्रोण) १७८.२ पश्य राधेय पृथ्वीशान (द्रोण) १५२.८
पश्याम राजन्संसक्ता(द्रोण) १८७-२६ पश्य द्वैतवने पार्थ (वन) २६.६ पश्यन्नपि यथा लक्ष्य (शांति) २०३.८ पश्य भूतानि दुःखेन (शांति)१७४.१३ पश्म वीर यथा (भीष्म) १०.५० पश्यामस्त्रिषु सकिषु (बाण) १०.५८ पाय हवजांश्च द्रवतो (कर्ण) ७६.२४ पश्यन् बहुपशून् (उद्योग) ८४.१६ पश्य महात्म्पयोगं (उद्योग) १५.२१ पश्य वीर्य कुमारस्य (शांति) ३२७.१८ पश्यामस्त्वां महाबाहो(भीष्य) १०७.६६ पश्यध्वमुपधानं मे (भीष्म) १२०.५१ पश्यन्तस्ते परास्तत्र (उद्योग) ६३.८ पश्य माधव पुत्रान्मे (स्त्री) १८.१ पश्य वृक्षलतागुल्मान (अनु) १४.३६६ पश्यामि कर्ण कौन्तेयं (ब्रोण) १७३.३५ पश्यध्वं च महात्मानं (कर्ण) ३.१० पश्य पश्य च भूय(उद्योग) २७१.४६ पश्य माधव सैन्यानि (भीम) ८१.३५ पश्य वृष्ण्यन्धकव्याघ्र (द्रोण)१४२.६४ पश्यामि च तथा कर्ण (ब्रोण) १७३.३२
Jain Education Intersalin
For Private
Personel Use Only
www.alinelibrary.org