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बीमन्महाभारतम् :: लोकानुकमणी
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धिक् पार्थस्य धनुष्म(उद्योग) ८२.३१ धिम्बलं भीमसेनस्य (वन) १२.६७ धुन्धुर्नाम महादत्यो (वन) २०४.४२ धूमायन्ते व्यपेतानि (उद्योग) ६४.१४ धृतराष्ट्र महाबाहो (आश्रम) २८.२ धिक्शब्दस्तु ततस्तत्र (सभा) ६६.५६ धिम्बलं भीमसेनस्य (वन) १२७८ धुन्धर्नाम महाराज तयो(वन) २०४.१ धूमा वायोरिव वशे बलं(शांति) १३४.७ धृतराष्ट्र महाबाहो (आश्रम) ३६.६ धिगकुवंस्तदा भीष्मं (आ) २००.७ धिग्मीष्मं धिष्क मे(उद्योग) १७५.३१ धुरि ये नावसीदन्ती (अनु) १५१.६ धुमेनावियते वह्निर्यथा(भीष्म) २७.३८ धृतराष्ट्र महाबाहो यत्त्वा(स्त्री) ८.१३ धिग्नि धिक् च (बाथम) ३८.१३ धिमाज धर्म यस्या(शांति) १६६.१११ धयंप्रदानेन गवां तथा वै(अन) ५७.३४ धूमो रात्रिस्तथा कृष्ण:(भीष्म) ३२.२५ धृतराष्ट्रमुपातिष्ठ (आश्रम) १.५ धिगस्तु अत्तारमिति (सभा) ६७.१ धिमाज्यमिदमस्माकं (आश्रम) ३८.८ पुर्यान घयुगतान्सूतान् (कर्ण) १६.३ धूम्ररुपं च यत्तस्य (अनु) १६१.६ धृतराष्ट्रच कोरव्यं (आ) ११३.२२ धिगस्तु क्षात्रमाचारं (शांति) ७.५ घिग्याचा परिहासोपि (वन) १५.२३ धर्ययोहण्यगरिकस्त (उद्योग) १५५.१४ धूम्रायास्तु घर
प्रयोयोरिकता ) ५.१४ धूम्रायास्तु धरः पुत्रो ब्रह्म (आ)६६.१६ धृतराष्ट्र ततः सर्वे (वन) २३६.१ धिगस्तु खलु मानुष्यं (गल्य) ५६.२ धिङमा धिक् शाल्व (उद्योग)१७५.३२ धनि धुर्यत्तरान्मृतान (वर्ण) १६.८
१.३२ र्यानि धर्यतरामतान व
धूम्रारुणं रजस्तीव' (भीम) ६३.२४ घृतराष्ट्र पुरस्कृत्य (अनु) १६६.१६ धिगस्तु धलु मानुष्यं (स्त्री) ८.६ घिङ्मृत्यु च दुरात्मानं (अनु) १.६४ धुर्वासनमयासाद्य निषसाद(वन) ६६.५ घृतकुल्याच दघ्नश्च (वन) १५.२० धृतराष्ट्र पुरस्कृत्य (अनु) १६७.६ धिगस्तु तस्य तद्भक्तं (वन)१९३.३२ धिष्ठिताः पुरुषव्याघ्र (कर्ण) ७९.४६ धूतपापः स तेजस्वी (शांति) २७४१७ धुततोय: समुद्रोऽत्र भीष्म) १२.२ धृतराष्ट्र पुरस्कृत्य (आश्व) १४.१७ धिगस्तु नष्टः खलु (सभा) ६७.४० ध्रियमाणः कपोतस्तु (वन) १३१.२७ धूतपापो जितस्वर्गो (आश्व) ८९.२३ धतपूर्णष कुण्डेषु एकक(आ) ११६.८ घृतराष्ट्र पुरस्कृत्य(आश्व) ८७.२४ धिगस्तू मत्र लब्धस्य (द्रोण)१५६.८६ धीमतः सहदेवस्य (सभा) १३.११ धतपाप्मा जितस्व!(शांति) ३३.४० धतराष्ट्र इति ख्यातः (आ) ६७.५४ धृतराष्ट्र पुरस्कृत्य (उद्योग) १७.६ धिगस्तु मम वारुणे (द्रोण) १४७.२७ धीमान्सत्यतिदन्तिो (शांति) ७६.५ धूतपाप्मा तु तेजस्वी(शांति) २४०.१३ धृतराष्ट्र कुमारो वै (उद्योग) ४१.२ धृतराष्ट्र पुरस्कृत्य (उद्योग) ६४.३५ धिगस्तु मामधर्मज्ञ (आश्रम) ३.६५ धीर: किंस्वित्तात (शांति) १७५.५ घतपाप्मा सहास्माभिर्लो वन) १३.१५ धृतराष्ट्रकुले कृष्ण (उद्योग) १४१.१३ धृतराष्ट्र महाबाहुम(उद्योग) १३०.१८ धिगस्तु मे बाहुबलं (विरा) २१.१ धीरः किस्वित्तात (शांति) २७७.५ धृतापप्मभिराकीर्णा पुण्य (वन)८७.२४ धृतराष्ट्र: प्रथमजः पाण्ड(आ) ६४.५६ धतराष्ट' महाराज (आ) ५४ धिगस्त्वषं यत्कृते (उद्योग) १४४.११ धीरस्त्वमसि मेधावी (आ) २३२.३ धूपप्रदानस्य प्रदीपश्य (अनु) ६.२ धृतराष्ट्रप्रयुक्तास्ते कोच(आ) १४३.२ धृतराष्ट्र महीपाल (आश्व) ८८.६ धिगस्त्विहैकपुत्रत्व (वन) १२७.१२ धीरो मर्षी शुचिस्ती(शांति)११७.१७ घूमकेतुर्महाघोरः पूष्यं (भीष्म) ३.१३ धृतराष्ट्र प्रहितो गच्छ (आश्व) १०.२ धृतराष्ट्र समुद्दिश्य(आश्रम) ३६.१७ धिगिदं जीवितं लोके (मा) १५७.२० धुन्धुमार इति ख्यातो (बन) २०४.३४ धूमकेतु: शिखि च त्वं (सभा) ३१.४८ धृतराष्ट्रभ्यनुज्ञातः (आ) ११४.१ धृतराष्ट्रवचः श्रुत्वा (उद्योग) १२६.१ धिग्जीवितमिदं चैव (कर्ण) ८.१० धुन्धुमारश्च राजषिः सत्रे(अनु) ६.३६ घूमच्छायाह्मभजता (विरा) १६.१५ धृतराष्ट्रभ्यनुज्ञातास्ततस्ते(स्त्री)१४.१ धृतराष्ट्रश्च नागानां (विरा)२.१७ धिम्धार्तराष्ट्र सुनशं (वन) २३.१० धुन्धमाराच्च कम्बोज(शांति) १६६.७७ धूमं दृष्ट्वाऽगमत् सत्र (द्रोण) ६२.३ धतराष्ट्रमभिप्रेक्ष्य (उद्योग) १३०.२४ धृतराष्ट्रपच नृपतिः (शांति] ७.२७ धिग्बलं भीमसेनस्य (दोण) ७८.१२ धुंधुमारो दिलपिश्च (अनु) १६५.४६ धूम ध्वजाः प्रमुञ्यन्ति (भीष्म) ३.४२ धृतराष्ट्र महाप्रज्ञा निबोध (वन) ८.१ धुतराष्ट्रश्च पाष्टुपच (बा) १०६.२५
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