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द्रोणमभ्यद्रवन् क्रुद्धाः (द्रोण) १५४.३९ द्रोणम 'द्रवन् राजन् (द्रोण) ३६.११ द्रोणमयुरपद्यन्त (द्रोण) ६८.५८
वारितं दृष्ट्वा (द्रोण) २०.२६ द्रोणमासाद्य समरे (उद्योग) १६०.७७ द्रोणमुत्सृज्य गच्छामः (द्रोण) ११.३१ द्रोणमेवाभ्यवर्तन्त (द्रोण) १५४.१४ द्रोणं कर्ण कृपं शस्यं (द्रोण) ३९.५ द्रोणं कृपं नृपाश्चान् (सभा) ७८.२ द्रोणं क्रुद्धोऽभ्यधावत ( द्रोण ) ४८.४० द्रोणं च केव्परान्त (द्रोण) १६४.१३ द्रोणं च द्रोणपुत्रं च ( भीष्म) १०८.५७ द्रोण च बलिनां (उद्योग)
द्रोणं च बलिनां (उद्योग)
१६०.९६ १६१.१४ ३५.३४ १२०.१६
द्रोणं च भीष्मं च ( भीष्म) द्रोणं च भीष्मं (वन) द्रोणं च युधि संरब्धं (भीष्म) १८.१० द्रोणं च सञ्जयं चैव (उद्योग) ८५.२ द्रोणं तव सुतो राजन् (द्रोण) १८५.२२ द्रोणं दुर्योधनं शल्य ( भीष्म) १४.४४
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द्रोणं दृष्ट्वा परे त्रेसु (ब्रोण ) १८६६.२६ द्रोणं द्रोणमिति क्रूरा: (द्रोण) ३१.६ द्रोणं द्रोणमिति के (द्रोण) ३१.७ द्रोणं द्रोणि च साधु त्वं (सभा) ४४.१२ द्रोणं निवारितं दृष्ट्वा (द्रोण) १६.२१ द्रोणं पञ्चाशता (द्रोण) ४७.८ द्रोणं पञ्चाशतेषु णां (द्रोण ) ३२.५ द्रोणं प्रति महाराज (द्रोण) १८६.३६ द्रोणं वृहस्पतेर्भागं (आश्रम) ३१.१६ द्रोणं महाद्यति (उद्योग) १६०.१८ द्रोणं महावति (उद्योग) १६१.१६ द्रोणं यत्ता: पराक्रा (द्रोण ) १६४.२१ द्रोणं विव्याध सप्त (द्रोण) १२५-१८ द्रोणं व्यपदिशन् (उद्योग) १५८. २७ द्रोणं शैर विव्यधतुः (द्रोण) १६६.२८ द्रोणं षष्टया नरव्याघ्रो (भीष्म) ५२.२८ द्रोणं स जित्वा पुरुष (द्रोण) ११८.१ द्रोणं हत्वा किल नया (द्रोण) १६०.३५ द्रोणं हि समरे कोऽन्यो ( विरा) ५८.२६ द्रोण
माझ्यां वा (भीष्म) ५२.२३
श्रीमन्महाभारतम् :: श्लोकानुक्रमणी
द्रोणः शरैरसंभ्रान्तो (द्रोण) ११.१३ द्रोण: शिष्यांस्तत: (आ) १६६.१८ द्रोणश्च कृतवर्मा च ( भीष्म) ११९.१५ द्रोणश्च त्वं च शल्य (भीष्म) ६५.३१ द्रोणश्च विवरं ( भीष्म) ११४.३५ द्रोणश्च पतगश्च (शांति) ३२०.१८२ द्रोणश्च सहपुत्रेण (द्रोण) ७९.२४ द्रोणश्च सोमदत्तश्च ( भीष्म) १२.२३ द्रोणसायकनुन्नानां (द्रोण) १७३.३१ द्रोणसूर्योपरागं च (स्त्री) १. १७ द्रोणस्तथोक्तः कर्णेन (शांति) २.१२ द्रोणस्तु तत्समालोक्य (द्रोण) २१.६ द्रोणस्तु तद्वचः (द्रोण) १५१.५ द्रोणस्तु दिवमास्थाय (द्रोण) १६२.७२ द्रोणस्तु निशितैर्ज (भीष्म) ५३.५ द्रोणस्तु पञ्चभिर्माण (द्रोण) ११.२५ द्रोणस्तु पञ्चविंशत्या (द्रोण) १२.१३ द्रोणस्तु परमक्रुद्धो (द्रोण) १५७.३३ द्रोणस्तु पाण्डवानीके (द्रोण) २१.३७ द्रोणस्तु बहुभिविद्रो (द्रोण ) १२५.१६
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द्रोणस्तु रथिनः श्रेष्ठा ( भीष्म) ८९.२२ द्रोणस्तु शरवर्षेण (द्रोण) २१.१५ द्रोणस्तु सत्वरो राजन् (द्रोण) १२८. १९ द्रोणस्तु समरे क्रुद्ध: ( भीष्म) ८६.३१ द्रोणस्तु समरे क्रुद्धो (भीष्म) ७५.३० द्रोणस्तु समरे वीरं (भीष्म) १६.३० द्रोणस्य कर्म तदृष्ट्वा ( द्रोण ) १८६.४५ द्रोणस्य च महाराज (द्रोण) १.२९ द्रोणस्य च महाराज (द्रोण) १५४.२२ द्रोणस्य च व्यदृश्यन्त (द्रोण ) ११०.२८ द्रोणस्य तद्वचः श्रुत्वा (द्रोण) १७.११ द्रोणस्य तु तदा शिष्यों (आ) १३२.६१ द्रोणस्य दृढमत्युग्रमनीक (द्रोण) ३५.१८ द्रोणस्य पृङ्खसक्ताश्च (विरा) ५८.४१ द्रोणस्य भवतश्चाहं (द्रोण) ७६.३ द्रोणस्य भीष्मस्य च (सभा) ६७.४१ द्रोणस्य मतमाज्ञाय (द्रोण) १६४.१९ द्रोणस्य यतमानस्य (द्रोण) २०.२२ द्रोणस्य रथघोर्षण (द्रोण) ८.१८ द्रोणस्य रथनिर्घोषं ( भीष्म) १११.५१
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१०६.६ १२२.६२
द्रोणस्य रथपर्यन्तं (द्रोण ) द्रोणस्य विहिता (द्रोण) द्रोणस्य शरजालानि (आ) १६७.२५ द्रोणस्य समरे वीराः (द्रोण) ९.४१ द्रोणस्य समतिक्रान्ता (द्रोण) ११४.४० द्रोणस्य सोमदत्तस्य (आश्रम) ११.५ द्रोणस्य हि समं युद्धे (सभा) ४४.१४ द्रोणस्यापि परैः सार्धं (द्रोण) १२४.४७ द्रोणस्यासीदविरतो ( द्रोण ) ६५.२० द्रोणहन्तारमुत्रेषु (कर्ण) ५६.३८ द्रोणाग्निमस्त्रसंस्पर्श (द्रोण) १२५.६१ द्रोणाज्जज्ञे महाराज (उद्योग) ५५.४६ द्रोणात् कपाच्च (वन) ३०९.१८ द्रोणादनन्तरं यत्तो ( भीष्म) ८७.८ द्रोणादस्त्रभृतां श्रेष्ठत् (द्रोण) १३.१३ द्रोणादाशीविषा (द्रोण) १०१.२२ द्रोणादस्त्राणि (उद्योग) १६०.५२ द्रोणानीकमसम्बाधं (द्रोण ) ५१.४ द्रोणानीकं विशाम्येष (द्रोण) ११२.१० द्रोणान्तिकमनुप्राप्ता (द्रोण) १०६.३३
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