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________________ भीमन्महाभारतम् : श्लोकानुक्रमणी ४०० दर्योधनमुखानां च (द्रोण) १०५.३४ दुर्योधन निशान्ते च (वन) २५२३८ दुर्योधनवचः श्रुत्वा (शल्य) ६.२० धिनश्चापि मही (वन) ११६.६ दुर्योधनस्तु तच्छ स्वा(उद्योग)१०५.३८ दुर्योधनमुखा राजन् (कर्ण) १०.४४ दुर्योधन परीप्यन्त (शल्य) ३०.५१ दुर्योधनवचः श्रुत्वा (सभा) ४६.३ दुर्योधनसमादिष्टाः (द्रोण) ६३.३२ बुर्योधनस्तु तच्छ त्वा (शल्य) ३०.६३ दुर्योधनमुपागश्य प्राह (द्रोण) १७४.६ दुर्योधनं पीडयमान (द्रोण) २६.१४ दुयोधनवध यानि (शरूप) ६१.१६ दुधिनसमादिष्टा: (द्रोण) १३७.२० दुर्योधनस्तु यत् सैन्य (उद्योग) ७.२३ दुर्योधन मुपायाताबक्षी(उद्योग) १६.१७ दुर्योधनं महाराज वचनं १८.१६ दोधन विजानीह (उद्योग) ६५.२ दुर्योधनसमीपे तानासान (उद्योग)६१.६ दर्योधनस्त तां वाचं (सौप्तिक) ६.५३ दुर्योधनमुपासन्ते परिवार्य(कर्ण)८४.१२ दुर्योधन मोक्षयित्वा २५८.१ दुर्योधनः शान्तनवं कि(काम) १४.६३ दुर्योधनसमो नास्ति (उद्योग) ५५.३४ दुर्योधनस्तु दशभिर्गा (भीष्म) ७३.१७ दर्योधनं कौरवाणा (आश्रम) ३.१८ दुर्योधनं यदा हन्ता (उद्योग) १४१.४६ दुर्योधनश्च कर्णश्च (आ) १३८.६ दयाधनः सहसुतः सा घ(उद्योग) ५७.१ दुर्योधनस्तु द्विरदमारुह्य (शल्य) १८.२ दुर्योधनं ख्यापयामो (शल्प) ३०.३१ दुर्योधनं विकणं च (विरा) ६६.५ दुर्योधनश्च कर्णश्च (आ) २०५.२६ दधिनसहायाश्च (स्वर्ग) ५.२८ दुर्योधनस्तु पार्थेन विवरे शल्य)५८.३५ दुर्योधनं च बाणाम्या (द्रोण) १०३.३१ दर्योधनं वै पुरत: (गल्य) १.३६ दुर्योधनश्च कर्णश्च (द्रोण) १४५.९ दुर्योधनसहायास्ते पौलस् (आ)६७.६१ दगाँधनस्तु भीमस्य (पल्प) १६.३६ दुर्योधनं च राजानं (स्त्री) २६.३१ दुर्योधनं शरस्तीक्ष्णः (मल्य) २८.३५ दर्योधनश्च कर्णश्च (बन) २४१.२७ दुर्योधनसुताः सर्वे तथा उद्योग)५७.१६ दुर्योधनस्तु राजानं (कर्ण) १३.८ दुर्योधनं च राजानं (आश्रम) १४.६ दर्योधनं शान्तनव कणं (विरा) ३६.६ दुर्योधनश्च किं कृत्यं (द्रोण) १६४.१२ दुर्योधन: सोमदत्त (द्रोण) १५६.२२ दुर्योधनस्तु राधेयमिदं (कर्ण) ३६.१७ दर्योधनं चाविधेयं (द्रोण) ८६.६ दर्योधन समागच्छ (आ) १.१३२ दुर्योधनश्चतुः षष्टया(भीष्म) ५२.२५ दुर्योधनस्तत कर्ण (कर्ण) ५७ १४ दुर्योधनस्तु विंशत्या (द्रोण) १४५.५५ दुर्योधनं चित्रसेनो विन्थ (वन) २४२.६ दर्योधनं समासाद्य समात्य (सभा)७४.३ दुर्योध नश्च दुष्टात्मा (उद्योग ८३ १३ दुर्योधनस्ततो राजन् (द्रोण) १:४.१६ दुर्योधनस्तु विशत्या द्रोण) २००.५१ दुर्योधनं ततो दृष्ट्वा (कण) ३१.२१ दुर्योधनं समुद्दिश्य (कर्ण) २६.२७ दुर्योधनश्च पुत्रश्ते (भीष्म) ४४.१५ दुर्योधनस्तथा बीरो (विरा) ३८.१४ दुर्योधनस्तु शिबिरं (उजोग) १६५.१२ दुर्योधन तथा पुत्रमुक्तवा(द्रोण)१५५.२ दुर्योधन हत दृष्ट्वा (स्त्री) १७.१ दुर्योधनश्च भीमश्च (कर्ण) ६२.३४ दुर्योधनस्तदा राजन् (भीष्प)१००.२३ दुर्योधनस्तु सङक्रुद्धो (भीष्म) ६२.२५ दुर्योधन तव सुतं (शल्य) ३१.५४ दुर्योधनं यथा राज्यं (आ) २०३.५ दुर्योधनश्च भीमेन (सौतिक) ५.२३ दुर्योधनस्तदा सूतमजबी (शल्य,१६३२ दुर्योधनस्तु सङ्क्रद्धो(भीष्म) ६२.३४ दुर्योधनं तु शोचामि(अनु) १४८.६० दर्योधन यदाह त्वां (उद्योग) १०६.२० दुर्योधनश्च महता (द्रोण) ११६.५ दुर्योधनस्तव सुत: प्रमते (कर्ण) ६२.३ दोध नस्तु समरे (भीष्म) ८११६ दुर्योधनं त्रिभिर्वाण (द्रोण) १२०.३७ दुर्योधन रथं तूर्ण (द्रोण) १४७.६६ दोघनश्च विरथः (कर्ण २३ दयाधनस्तस्य तुतान्न चरा)६६.२३ दोवनरत संप्रेक्ष्य द्रोण) १७७.८ दुर्योधन त्रिभिर्वाण (भीष्म) ७८.७ दुर्योधनश्चः श्रुत्वा (कणं) ३२.३० दर्योधनः शकुनिः सुतं (वन) २३६.२१ दुर्योधनस्तानवश्यं (दाण) १८१.३ दुर्योधनस्तेन तथा (द्रोण) १७१.१६ दुर्योधनं त्वहितं वै (बन) ४.१४ दुर्योधनवचः श्रुत्वा (बन) २४१.४ । दुर्योधनश्च शोच्योऽसौ(अनु) १४८.२६ दुर्योधनस्तु कर्णेन (शांति) ४.२१ दुर्योधनस्त्वया चोक्तो (शल्य) ६३.६२ दुर्योधन द्रोणिमुखांश्च (कर्ण) ८५.३१ दुर्योधनवचः श्रुत्वा (विरा) ४७.२० दुर्योधनाचापि तमुग्रतेजा(विरा)६५.५ दुर्योधनस्तु कौरव्यो (शांति) ४.१२ दुर्योधनस्य परय (उद्योग) १३०.३ Jain Education Interna For Prve & Persons Use Only www.alinelibrary.org
SR No.600055
Book TitleMahabharatam
Original Sutra AuthorNagsharan Sinh
Author
PublisherNag Prakashan Delhi
Publication Year1992
Total Pages840
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size30 MB
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