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________________ भीमन्महाभारतम् : : श्लोकानुकमची २६९ दुर्जय भिन्नमर्माणम (द्रोण) १३३.४२ व विरकृतप्रशश्चले (शांति) १६७.६ दुर्मर्षणो दुःसहश्च (द्रोण) १३५.३० दोधन तो प्रज्ञा न (आ) २०२.१ दुर्योधनप्रयुक्तेन पापेना(आ) १४८.१४ दतिः सतपत्रस्य (उद्योग) ४६.२८ दुदीनामशिष्टानां (उद्योग) ६२१७ दुषणो विकर्णश्च (भीष्म) ११३.२३ दर्योधन न तेमर्ष:कार्य:(समा) ४.१ दुर्योधनः प्रिये नित्यं (वन) २५७.२६ दर्जेयः शाश्वतो घम: (वन) २०६.४१ दुभिक्षादेव दुभिक्ष (शांति) १८१.३ दुर्मुख: कृतवर्मा च (भीष्म) ४७.२ दुर्जेयः शाश्वतो धर्मः (वन) २१५.१६ दुर्योधनः प्रिये नित्यं (वन) २५७.२७ दुर्योधन न शोचामि (उद्योग) १२५.१६ दुर्भिक्षादेव दुभिक्षं (शांति) ३२२.३ दुर्मुखं प्रमुख कृत्वा (द्रोण) १४७.६१ दुर्दशोः केचिदा भान्ति (अनु) १४४.४५ दुर्मदस्तु ततो यानं(द्रोण) १५५.३४ दुर्योधन न शोचामि (सौप्तिक) ६.२६ दुर्योधनप्रिये युक्तः (भीष्म) ४८.३८ दुर्मुखश्च द्वादशमी (द्रोण) १२०.४० दुर्दों भगवान् देवः(शांति) ३४३.४ दुर्योधनबलं सर्व निरुत्साहं (कर्ण) ५६.७६ दुर्योधननिकाराञ्च (वन) दुर्मदस्तु ततो यानं (द्रोण) १५५.३५ ११.५५ दुर्मुखः श्रनकर्माणं (भीष्म) ७६.३५ दुर्दिनाम्भोदसदृशो (वन) २७२.६३ दुर्मदम्य च वीरस्य (द्रोण) १५५.३६ दुर्योधन निबोधेदं (उद्योग) १२५.२३ दुर्योधनबलं सबं पुनरा(पाल्य) १७.८० दुर्मुखः सहदेवं च (भीम) ४५.२५ दुतदेवी गान्धारे (द्रोण) १८५.३१ दुर्मदो दुर्विगाहश्च (आ) दुर्योधनबलं सर्व पुनरा (शल्य) १८.४० दुर्योधन निबोध (उधोग) १२६.१६ ११७.५ दुर्मुखस्तु महेष्वासो वीर(द्रोण)२५.४० दुर्योधन निबोधेदं (उद्योग) १४७.१५ दुर्योधनबलं सर्व (शल्य) २१.३१ दुनिरीक्ष्यो हि भूतानां (सभा)२४.२५ दुमंदो दुष्पहर्षश्च (आ) ६७.६६ दुर्मुखस्य च वेश्मायं (शांति) ४४.१२ दुर्योधनबलं सर्वं यः (स्त्री) दुनिवां दुर्योधन निबोधेदं (उधोग) १३०.४१ २७.१० तदा चैव (भीम) ३.७७ दुर्मना नि:श्वसन् दुष्टो(द्रोण) १५०.२ दुर्मुखस्य तु भल्लेन (द्रोण) १०७.२२ दुर्योधनबलान्मुक्ता वयमेव(स्त्री) ११.४ दुर्बल बलवन्तं च (शांति) १७५.२२ दुर्मनुष्या हि निर्वेदपकलं (वन) ३३.१४ दुर्योधन निबोधदं (उद्योग) १४६.२ दमुस्य तु भल्लेन (भीष्म) ४७.१२ दुर्बल बलवन्तो हि (वन) दुर्योधनमतिक्रान्तमेतं (दोण) १०२.१ १८७.८ १.२१ दुर्मरं तदहं मन्ये नृणां (कगं) दुर्यो न निबोधेदं यत् (वन) २५३.१६ दुर्मुखाय रथं तूर्ण (द्रोण) १३४.२० दुर्योधनमभित्यज्य (शल्प) २७.५ दुईलाव यथा राजन् (शांयि)३०..२२ दुर्मर तुरुषेणेह मन्ये (शिव) ८०.२४ दुमुखा महाराज तब (कणं) ६.२० । दुर्योधन निबोधंदं यत् (वन) २५५.२ दुर्योधन ममाप्येतद्धृदि (आ) १४२.१६ दुर्बल्स्य च यच्चक्षुमने(शांति) ६१.१४ दुर्मर्षण द्वादशभिरष्टा (द्रोण) ११६.८ दुर्मुखो दशभिर्वाण (द्रोण) ११६.४ दुर्योधन निबोधेदं यत्त्वां (शल्य) ४.७ दुर्योधन महाबाहों (उद्योग) १६८.१६ सवाह (आ) १८८.१३ दुमषण पविणत्या (भाष्म) ११३.११ दुर्मुखो दुःसहः कर्ण (उद्योग) ४७.६ दुर्योधन निवर्तस्त्र युद्ध (उद्योग) ५८२ दुर्योधन महाबाहो निबोध(वन)१०.१६ दुर्बला क्लेशिता: ममेति(वन) १४१.२ दुर्मर्षणश्चविंशत्या (भीम) ६२२६ दुर्मुखो दुःसहश्चब (द्रोण) १२७.३४ दुर्योधनपुरोग्राश्च भ्रातरः(सभा)३४.६ दुर्योधन महाबाहो शृण (शल्य) ७.२ दुर्बलानां तु भूतानामसून (वन)२२१.१० दुर्घर्षणस्तु विंशत्या (भीष्म) ११३.७ दुर्योधन किमेवं मां (द्रोण) १५१.६ दुर्योधनपुरोगास्तु (भीष्म) ८६.४० दुर्योधनभिदं वाक्यं (द्रोण) १४५.२५ दुर्बलाथ बलं सृष्ट (शांति) ६१.१२ दुर्मर्षणस्य भवनं (शाति) ४४.१० दुर्योधन: किलापृच्छ(उद्योग) १६४.३ दुर्योधनः प्रत्यविध्य (द्रोण) १८६.३७ दुर्योधनमिदं वाक्य (द्रोण) १७६.६ दुर्बलांस्तात बुध्येथा (शांति) ९१.१५ दुर्मर्षणो दुमुखश्च (आ) ६७.६५ दुर्योधन कुतोमूल (सभा) ४६.६ दुर्योधनप्रभृतयः प्रगृ (भीष्म) ७८.१६ दुर्योधनमिदं वाक्यं (शल्प) २४.६ दलोऽहं न में शक्ति (उद्योग) ११४ दुर्मषणो दुर्विषहो दुर्जयश्च कर्ण)५.३३ दुर्गा बन जीपमि त्वं (सौप्तिक) ६.४८ दुर्योधनप्रभृतयो दृष्टा (आश्रम)३६.१६ दुर्योधनमुखा दृष्ट्वा (उद्योग) ५४.१६ Jain Education Interna wwwalibrary
SR No.600055
Book TitleMahabharatam
Original Sutra AuthorNagsharan Sinh
Author
PublisherNag Prakashan Delhi
Publication Year1992
Total Pages840
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size30 MB
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