________________
NO
र
-
अर्थ-(जे के०) जे पुरुष (मरत के०) मरतो एवो (तिहुयणजणं के०) त्रण नुवनना जनने (दखूण के० ) देखीने (अप्पाणं के० ) आत्माने (न नयंति के०) । धर्मने विषे नथी जोमता, अने (पावान के०) पापथकी (न विरमंति के०) न थी विराम पामता (ताणं के०) तमना (धीउत्तणं के०) धिपणाने एटले निलजपणाने (धीधी के०) धिक्कार थान! २॥ ५ ॥
नावार्थ-स्वर्ग मृत्यु ने पाताल ए प्रकारे त्रण लोकना रहेनारने,अर्थात् सर्व *संसारी जीवने, मरता देखीने अने जाणीने पण पोताना आत्माने धर्मने विषे | Mail नथी जोमता, तथा हिंसादिक थकी निवृत्ति नथी पामता, अर्यात जे कृत्यथी
पाप बंधाय , तेवा कृत्यश्री पाग नथी नसरता, तेवा निर्लज जीवोना धिपणाने धिक्कार थान ! धिक्कार थान!! एम अतिशे धिक्कारपणु जणाववाने माटे बेवार धिक्कार शब्द कह्यो . ॥ ५ ॥
मामा जल्पत बहुलं ये बधाः चिक्कणैः कर्ममिः मामा जंपह बढयं । जे बघा चिकणेहि कम्मेडिं।
TIXXXKKAKEXXXXXXXXXXXXXEY
IRXXXXXXXXXXXXXXXXX***KI
205
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org