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अर्थ-हे जीव! तुं केटलीएक वखत (रान त्ति के०) राजा ए प्रकारे श्रयों.
(य के०) वली (दमगु ति के ) नीखारी ए प्रकारे अयो. (य के० ) वली ( एस ज्य के) एज तुं (सवागु त्ति के) चमाल ए प्रकारे थयो. वली (एस के) एज तुं
(वेयविक के) वेदनो जाण अयो. (वली सामी के) स्वामी अयो. अने दासो के) दास अयो. (पुजो के) पूज्य अयो. अने (खलो नि के) खल एप्रकारे अयो. (वली अधणो के) निर्धन थयो. अने (धणवश ति के०) धनपति ए प्रकारे थयो. ॥ ५ ॥-इच के) एमां. एटले पूर्वे कर्तुं तेमां (को के) को प्रकार
नो (निअमो के०) नियम जे ते (नवि के) नथीज, केम के, (सकम्म के पो* तानां ज्ञानावरणीयादिक जे कर्म, तेनी (विशिविठ के विनिवेश एटले प्रक
| ति, स्थिति, अनुनाग, अने प्रदेश ते रूप जे रचना, तेना (सरिस के) सरखी A (कयचित्रो के) करी ने चेष्टा ते जेणे, एटले देवादिक पर्याय रूपनो अध्यास
आश्रय) रूप व्यापार ते जेणे एवो सतो (नडुव्व के०) नटनी पेठे ( अन्नुन्न के०) अन्य अन्य ले (रूबवेसो के०) रूप अने वेश ते जेनो एवो (जीवो के०) जीव जे ML
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