SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 439
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ उपोदातनियुक्तिः ॥२१॥ | पर्यायः CAMPCAT अहाइजा लक्खा कुमारवासो उ ससिपहे होइ । अर छविय रज्जे चउवीसंगा य बोधा ॥३०॥ जिनानां पणं पुखसहस्सा कुमारवासो उ पुष्फदंतस्स । तावइयं रजंमी अट्ठावीसं च पुषंगा ॥ ३०७॥ कुमारादिपणुषीससहस्साई पुराणं सीयले कुमारत्तं । तावइयं परियाओ पन्नासं चेव रजमि ॥ ३०८॥ वासाण कुमारत्तं एगवीसं लक्ख होइ सेजंसे । तावइयं परियायो बायालीसं च रजमि ॥ ३०९॥ गा. २९९. गिहवासे अट्ठारस वासाणं सयसहस्स नियमेणं । चउपन्न सयसहस्सा परियाओ होइ वसुपुजे ॥३१॥ NI पन्नरस सयसहस्सा कुमारवासो उ तीसई रज्जे । पन्नरस सयसहस्सा परियायो होइ विमलस्स ॥ ३११॥ अहमलक्खाई वासाणमणंतई कुमारत्ते । तावइयं परियायो रजमि य होति पन्नरस ॥ ३१२॥ . धम्मस्स कुमारत्तं वासाणऽहाइयाई लक्खाई। तावइयं परियाओ रजे पुण होति पंचेव ॥ ३१३ ॥ संतिस्स कुमारत्ते मंडलिचकिपरियाय चउसुंपि । पत्तेयं पत्तेयं वाससहस्साई पणवीसं ॥ ३१४॥ एमेव य कुंथुस्सवि चउसुवि ठाणेसु होति पत्तेयं । तेवीससहस्साई वरिसाणऽट्ठम सया य ॥ ३१५॥ एमेव अरजिणिदस्स चउसुवि ठाणेसु होति पत्तेयं । एगवीस सहस्साई वासाणं हुंति नायचा ॥ ३१६॥ मल्लिस्सवि वाससयं गिहवासे सेसयं तु परियायो । चउपण्णसहस्साई नव चेव सयाई पुण्णा ॥ ३१७ ॥ ॥२१॥ अद्धहमा सहस्सा कुमारवासो उ सुब्बयजिणस्स । तावइयं परियाओ पन्नरस सहस्स रजमि ॥१८॥ नमिणो कुमारवासो वाससहस्साई दोन्नि अद्धं च । तावइयं परियाओ पंच सहस्साई रज्वमि॥१९॥ For Private & Personal Use Only a Jain Education International w.jainelibrary.org
SR No.600043
Book TitleAvashyakasutram Part_1
Original Sutra AuthorBhadrabahuswami, Malaygiri
Author
PublisherJinshasan Aradhana Trust
Publication Year
Total Pages618
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_aavashyak
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy