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साधुसाध्वी
आवश्य
॥१०४॥
* उदयके बाद असल्झाय मिट जाता है। ५- उपासरेके आसपास सो सो हाथ तकमें किसी स्त्र के यदि लडका जन्मे तो ७ दिन और .कीय विचार
संग्रहः लडकी जन्मे तो ८ दिन असज्झाय ।
६- उपासरेके नजीक सो सो हाथ तकमें किसी स्त्रीके 'ऋतु धर्म ( अटकाव ) आया है ' ऐसा है है मालूम होवे तो ३ दिन असज्झाय, ३ दिनके बाद भी रोगादिकके कारण किसीके रुधिर बहता रहे तो । असज्झाय ओहडावणऽत्थं ' काउसम्ग करने पर सज्झाय करना कल्पताहै।
७- उपासरेके नजीक सो सो हाथ तकमें किसीके दांत या दाढ यदि पडजाय तो तलाश करके । दूर हटवा देना, यदि न मिले तो ' दंत ओहडावणऽत्थं ' काउसग्ग करने पर सज्झाय करना कल्पताहै ।
८-मनुष्यकी हड्डी शरीरसे जुदी हुए बाद १२ वर्ष तक जहां पडी रहे वहां सो सो हाथ तक में है असल्झाय होता है, वास्ते उपासरेके आसपास सो सो हाथ तकमें मनुष्यकी हड्डी यदि पडी हो तो उसको
IST१०४॥ उठवाये विना सज्झाय करना नहीं कल्पताहै ।
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