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१ तेओश्रीनो सत्ताकाळ पंदरमी सदी होवानो संभव छे. श्रीजैन सत्य प्रकाश मासिकोमा पू. मु. श्रीन्यायविजयजी महाराज
तरफथी चालु सालमा श्रीजीरावला तीर्थना शिलालेखो संबंधी लखाणो आवे छे. तेमां ता. १५-८-४९ ना अंक ११ मां देरी नंबर ३१ नो जे शिलालेख आपवामां आवेलो छे, तेमां लखेल छे के 'संवत १४८३ वर्षे प्रथम वैशाख शुद १३ गुरौ श्रीअंचलगच्छे श्रीमेरुतुंगसूरीणां पट्टोधरेण श्रीजयकीर्तिसूरीश्वर सुगुरूपदेशेन...श्रीजिराउला पार्श्वनाथस्य चैत्ये देहरि (३) कारापिता.......... आ श्रीजयकीर्तिसूरिजी महाराज अंचलगच्छेश श्रीमेरुतुंगसूरिजीना शिष्य छे अने सदरहु अन्धना कर्ता श्रीमाणिक्यशेखरसूरि पण तेमना शिष्य छे. एटले बन्ने गुरुभाई होवानो संभव छे अने श्रीजयकीर्तिसूरिजीए सं. १४८३ मां देरीनी प्रतिष्ठा करावेल छे. ते उपरथी उपरनुं अमारुं अनुमान सिद्ध थाय छे के आ पन्थना कर्ता श्री- माणिक्यशेखरसूरिजी पण तेज सदीमा थया होवा जोईए. तदुपरांत आ अनुमानना अनुसंधानमां मने त्रीजा भागना संशोधन वखते पूज्य विद्वद्वर्य साहित्यप्रेमी मुनिराज श्रीपुण्यविजयजी महाराज तरफथी जे बे प्रतिओ मळेली छे तेमां एक वि.सं. १५५० तथा बीजी वि. सं. १५६४ मां लखायेली छे अने प्रथम मुंबई तथा पूनानी जे प्रतिओ मळेली तेमां तो लख्या संवत छे ज नहि. एटले तेमना सत्ता काळना अनुमाननी पहेलानी लखायेली कोई प्रति मळती ज नथी अने सत्ताकाळना अनुमान
पछीना ज पहेला सैकानी लखेल प्रतिओ मळेली छे. ए उपरथी पण अमाउं अनुमान साचु होवानो संभव छे. P२ ग्रन्थना अन्ते आपवामां आवेली ग्रन्थकारनी प्रशस्तिमां ग्रन्थकारे (१) श्रीआवश्यकनियुक्ति दीपिका (२) श्रीदशवकालिक
नियुक्ति दीपिका (३) श्रीपिण्डनियुक्ति दीपिका (४) श्रीओघनियुक्ति दीपिका (५) श्रीउत्तराध्ययन दीपिका अने (६) श्रीआचार
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