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________________ निकली। 卐 (२२०) जाति स्मरण ज्ञान वाले कौशिक गोत्रिय आर्य सिंह गिरि स्थविर के ये चार स्थविर पुत्र समान 3 प्रसिद्ध शिष्य थे । 1. स्थविर धनगिरि, 2. स्थविर आर्य वज, 3. स्थविर आर्य समिअ और 4. स्थविर अर्हदत्त है ।स्थविर आर्यसमिअ आर्यवज से ब्रह्म दीपिका शाखा निकली । (२२१) गौतम गोत्रिय स्थविर आर्य वज के ये तीन पत्र के समान प्रसिद्ध शिष्य थे । 1. स्थविर आर्य वजसेन, 2. स्थविर आर्य पद्म, 3. स्थविर आर्यरथ । स्थविर आर्य वज सेन से आर्य नागिली शाखा निकली । स्थविर आर्य पद्म से आर्य पद्मा शाखा निकली। स्थविर आर्य रथ से आर्य जयंती शाखा निकली । ___(२२२) वात्स्य गोत्रिय स्थविर आर्यरथ के कौशिक गोत्रिय स्थविर आर्य पुष्पगिरि अन्तेवासी(शिष्य) थे । कौशिक गोत्रिय स्थविर आर्य पुष्पगिरि के गौतम गोत्रिय स्थविर आर्य फल्गु मित्र अन्तेवासी (शिष्य) थे । 10-300000000 en intention For Private Personal use only wmwvitam
SR No.600025
Book TitleBarsasutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipak Jyoti Jain Sangh Mumbai
PublisherDipak Jyoti Jain Sangh Mumbai
Publication Year2002
Total Pages224
LanguageHindi
ClassificationManuscript & agam_kalpsutra
File Size26 MB
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