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31. कोसंबिया, 2. सोइत्तिया, 3. कोडंबाणी, 4. चंदनागरी । ज (२१०) वसिष्ठ गोत्रिय स्थवीर आर्य सुहस्ति के पुत्र के जैसे प्रसिद्ध ऐसे बारह स्थवीर अन्तेवासी थे
31. स्थवीर आर्यरोहण, 2. जसभद्र, 3. मेहगणी, 4. कामिड्डि, 5. सुस्थित, 6. सुप्पडिबुद्ध, 7. रक्षित, 38. रोहगुप्त, 9. इसिगुप्त, 10. सिरिगुप्त, 11. बंभगणि, 12. सोमणि ।
इस प्रकार से ये बारह सुहस्ति के शिष्य थे । 3 (२११) काश्यप गोत्रिय स्थवीर आर्य रोहण से वहाँ उद्देहगण नामका गण निकला। उसकी ये चार शाखाएँ और छः कुल निकले । प्र. अब वे कौन - कौन सी शाखाएँ कहलाती है ?
उ. वे शाखाएँ इस प्रकार से है, 1. उडुबरिका, 2. मासपूरिका, 3. मति पत्रिका और 4. पूर्ण पत्रिका 177NI
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