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अञ्जन प्र.कल्प
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स्नपन
१३९
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आरीसो बताववो
१३५ | पोखणा करवा सूरिमंत्रसहित वासक्षेप
फुलवासनी वृष्टि जमणा काने मंत्र न्यास
धूपोत्क्षेप , ,, सुखडादि लगाडवु. देववंदन चक्रमुद्राथी सर्वांगस्पर्श
निर्वाणकल्याणकविधिदहीनु पात्र बतावq. धूप करवो.
नव अंगे पूजन पांच मुद्रा बतावबी.
१०८ अभिषेक मंत्रन्यास
भूतबलिमंत्र वासधूप
बलिप्रक्षेप केवलज्ञानकल्याणकमहोत्सव विधि फूलसहितबलिप्रक्षेप पद्ममुद्राथी समवसरणमा स्थापन १३७ बिंबोपरि कुसुमांजलि वासक्षेप
जूनी पूजा दूर करवी. ३६० करियाणानो पडो मूकवो. , नवी पूजा करवी
१३७ । नैवेद्य मूकवा
उतारण पूर्वक कपूर-घी देववंदन.
अखंड चोखा मंगलपाठ साथे उछाळवा १४३ १३८ धर्मदेशना
तंबोलदान फलढौकन चैत्यवंदन मीठो लाडवो मूकवो. १० प्रकारना नैवेद्य मूकवा. नंद्यावर्तविसर्जन प्रतिष्ठादेवनुं विसर्जन
सर्वदेवताओगें विसर्जन | शांतिधारा
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॥३६॥
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