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अञ्जन प्र. कल्प
। अथ सप्तमदिन विधिः
॥७९॥
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--: जन्मकल्याणकविधि :-- (सौ प्रथम कुंभ-दीपक उपर वासक्षेप करी क्षेत्रपाल, भैरव, दिक्पाल, ग्रह अने सोळविद्यादेवी आदिनु पूजन कर.)
आत्मरक्षा:--ॐ नमो अरिहंताणं हृदय ॐ नमो सिद्धाणं मस्तके; ॐ नमो आयरियाणं शिखायां; ॐ नमो उवज्झायाणं सन्नाहः, ॐ नमो लोए सव्यसाहणं दिव्यास्त्रम्' आत्मरक्षाने लगता आ पदो बोलवापूर्वक ते ते प्रमाणे | (त्रण धार) हस्तन्यास करवो.
शुचिकरण:--पछी नीचेना मंत्रथी शुचिकरण कर. (सर्व अंगे स्पर्श करी त्रण वार पवित्र करवा.)
"ॐ नमो अरिहंताण, ॐ नमो सिद्धाणं, ॐ नमो आयरियाणं, ॐ नमो उवझायाणं, ॐ नमो लोए सव्यसाहणं, ॐ नमो आगासगामीणं, ॐ नमो हः क्षः अशुचिः शुचिर्भवामि स्वाहा" ॥
सकलीकरण:--" क्षि प ॐ स्वा हा, हा स्वा ॐ पक्षि"ए रीते आरोह (चढवू) अवरोह (उतरवु )ना क्रमे & पग, नाभि, हृदय, मुख अने भाल पर पोतानुं त्रण वार सकलीकरण करवू.
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॥७९॥
DA
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