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शासन प्रभावक विद्वद्वर्य पू० आचार्यदेव श्री विजयसुदर्शनसूरीश्वरजी महाराजना
संयर्माईशताब्दि पूर्णाहूति प्रसंगे ५०वर्ष ना निर्मल
卐 संयम पर्यायनी शुभ अनुमोदना ॥ प.पू. आचार्यदेव श्रीमद्विजयसुदर्शनसूरीश्वरजी महाराजे वि० सं० १९८८ ना पोष वद ५ पाटण (1 उत्तर गुजरात ) मां दीक्षा लीधी हती अने वि० सं० २०३८ पोष वद ५ ना संयम पर्यायने ५० वर्ष परिपूर्ण थाय के वर्तमानमा ५० मुवर्ष तेओश्रीना संयमनु चाली रह्य छ।
तेोधीना ५० वर्षना दीर्घ निर्मल चारित्र पर्यायनी अनुमोदना करीए छीए अने तेश्रोश्रीना धर्मप्रभावक जीवननी टुंक नोंध अत्रे रजु करीए छोए
राजस्थान मेवाड़मां देवाली नामे गाम के ज्यां भव्य जिनमन्दिर आदि विद्यमान छे, त्यां शेठ श्री लक्ष्मीलालजी तथा शेठाणी श्री कंकुचाई रहेता हता. तेमने बे पुत्र भगवतीलाल अने संग्रामसिंह एक पुत्री श्री सोवन बेन हता।
श्री भगवतीलाले वि० सं० १९८० मां दीचा लीधी अने हाल तेश्रोश्री पू० आ. श्री विजयभुवनमूरीश्वरजी महाराज तरीके विचरी धर्मप्रभावना करी रह्या छ।
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