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निर्वाण कलिका
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-: प्रासंगिक :
अमारी संस्था तरफथी पू० पं० श्रीजिनेन्द्रविजयजी गणिवरे संपादन करेल आ निर्वाण कलिका ग्रन्थ प्रगट करतां आनंद अनुभवीए छीए ।
जोगानुजोग प० पू० शासन शिरोमणि पूज्यपाद आचार्यदेवेश श्रीमद्विजयरामचन्द्रसूरीश्वरजी महाराजाना पट्टधर शांतमूर्ति पूज्य आचार्यदेव श्रीमद्विजयभुवन सूरीश्वरजी महाराजाना पट्टधर पूज्य देशनादक्ष मालवदेशे सद्धर्मसंरक्षक आचार्यदेव श्रीमद्विजय सुदर्शन सूरीश्वरजी महाराज साहेबना अर्धशतादिदीर्घकालीन निर्मल चारित्रपर्यायनी अनुमोदना निमित्ते भाविकोनी शुभसहायताथी आ ग्रन्थ प्रगट करत आनंद थाय छे, अने पूज्य आचार्यदेव श्री विजयसुदर्शन सूरीश्वरजी महाराज जैन शासननी प्रभावना आदिमां विजयवंत बनो एवी अभिलाषा व्यक्त करीए बीए ।
मुद्रक -
गौतम आर्ट प्रिन्टर्स, व्यावर (राज.)
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प्रकाशिका -
श्री भुवनसुदर्शन जैन ग्रन्थमाला
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