________________
पya
omgi
आलइयमालमउडे नवहेमचारु-चित्त-चंचल - कुंडल - विलिहिज्जमाणगंडे भासुरबंदी पलंबवणमाले सोहम्मे कप्पे सोहम्मडिसगे विमाणे सभाए सुहम्माए सक्कंसि सीहासणंसि [निसण्णे] ॥१३॥
से णं तत्थ बत्तीसाए विमाणवाससयसाहस्सीणं चउरासीए सामाणियसाहस्सीणं, तायत्तीसाए तायत्तीसगाणं,
कल्पसूत्र
२२
Jain Education International
P
e
rsonal use only
www.jainelibrary.org