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परं एगा य सागरोवम-कोडाकोडी तिवास-अद्धनवमासाहिय-बायालोसाए वाससहस्सेहिं ऊणिया विइक्कंता, एयंमि समए समणे भगवं महावीरे परिनिव्वुडे, तओ वि परं नव वाससया विइक्कंता, दसमस्स य वाससयस्स अयं असीइमे संवच्छरे काले गच्छति ॥२०॥
तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स नव गणा, एक्कारस गणहरा होत्था ॥२०१॥
से केण?णं भंते ! एवं वुच्चति-समणस्स भगवओ महावीरस्स नव गणा, इक्कारस गणहरा हुत्था ? समणस्स भगवओ महावीरस्स जे इंदभूई अणगारे गोयमे गोत्तेणं पंच समणसयाइं वाएइ, मज्झिमए अग्गिभूई अणगारे गोयमे गोत्तेणं पंच समणसयाई वाएति, कणीयसे अणगारे वाउभूई नामेणं गोयमे गोत्तेणं पंच समणसयाइं वाएइ,
कल्पसूत्र २७४
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