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________________ ( viii ) Jain Education International व्याख्या नाम वृत्त किरणावली कल्पलता प्रदीपिका दीपिका मञ्जरी सुबोधिका दीपिका सुखबोधिनी कल्पलता सुखावबोध विवरण कल्पलता कल्पोद्योत टीका कौमुदी दानदीपिका कल्पसुबोधिका कल्पबोधिनी कल्पद्र मकलिका दीपिका कर्त्ता मेरुतुंगसूरि धर्मसाग रोपाध्याय (विजयदानसूरि के शिष्य ) शुभ विजय (हीरविजयसूरि के शिष्य ) संघविजय गरि ( विजय सेनसूरि के शिष्य ) जयविजय गरिए ( विमलहर्ष के शिष्य ) सहजकीर्ति गरिए ( हेमनन्दन के शिष्य ) विनयविजय (कीर्तिविजय के शिष्य ) अजितदेवसूरि, पल्लीवालगच्छ समयसुन्दरोपाध्याय (सकलचन्द्र के शिष्य ) जयसागरसूरि अंचलगच्छ गुण विजयगरि ( कमलविजय के शिष्य ) नयविजय राजसोम ( जयकीर्ति के शिष्य ) शान्तिसागर ( श्रुतसागर के शिष्य ) दानविजय गरिए ( विजयराजसूरि के शिष्य ) कीर्तिसुन्दर ( धर्मवर्धन के शिष्य ) न्यायसागर ( उत्तमसागर के शिष्य ) लक्ष्मीवल्लभोपाध्याय (लक्ष्मीकीर्ति के शिष्य ) भावविजय For Private & Personal Use Only रचनाकाल १७वीं शती १६७१ १६७४ १६७७ १६८५ १६६६ १६६८ १६६६ १७वीं शती १७०६ १७०७ १७५० १७६१ १७८८ १८वीं शती www.jainelibrary.org
SR No.600010
Book TitleKalpasutra
Original Sutra AuthorBhadrabahuswami
AuthorVinaysagar
PublisherRajasthan Prakruti Bharati Sansthan Jaipur
Publication Year1984
Total Pages458
LanguageHindi
ClassificationManuscript, Canon, Literature, Paryushan, & agam_kalpsutra
File Size11 MB
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