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they addressed king Siddhartha, commencing their words of prophecy with an exposition of the science of dream divination :
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विचार-विमर्श करने लगे। आपस में विचार-विमर्श कर स्वप्नों के अर्थ को जान पाये, गंभीर अर्थ को । ग्रहण कर पाये । उन्होंने परस्पर एक दूसरे से अभिप्राय पूछा और एक निश्चय पर आये। जब वे सभी स्वप्नों के सम्बन्ध में एकमत हो गये तब सिद्धार्थ राजा के सम्मुख स्वप्नशास्त्रों के अनुसार, वचन बोलते-बोलते सिद्धार्थ क्षत्रिय को इस प्रकार कहने लगे : ७१. "हे देवानुप्रिय ! निश्चय रूप से हमारे स्वप्न-शास्त्र। में बयालीस स्वप्न और तीस महास्वप्न कुल बहत्तर स्वप्न बतलाये गये हैं।
71. "Our science, O beloved of gods, speaks of forty-two minor dreams and of thirty momentous dreams (maltāsvapna): it speaks of seventytwo dreams in all. The fourteen wondrous dreams
कल्पसूत्र
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