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भूमिका
नाम - 'कल्पसूत्र' शब्द स्वतन्त्र रूप से सूत्र के अस्तित्व का बोध कराते हुए भी दशाश्रुतस्कन्ध नामक छेदसूत्र का 'पज्जोसवरणाकप्पो' (सं० पर्युषणाकल्प) नाम का आठवां अध्ययन मात्र है।' 'पज्जोसवणा' - पर्युषण शब्द का अर्थ है :- १. एक स्थान में वर्षाकाल व्यतीत करना, २ भाद्रपद के आठ दिनों का एक प्रसिद्ध जैन पर्व । २ कल्प का अर्थ है श्राचार, मर्यादा, व्यवहार नीति, विधि और समाचारी। गीतार्थं प्रवर श्री उमास्वाति के मतानुसार "जो कार्य ज्ञान, शील और तप की वृद्धि करता है एवं दोषों का परिहार करता है, वह कल्प है। 3 पर्युषणकल्प का अर्थ है :- पर्युषरण में करने योग्य शास्त्रविहित आचार । पर्युपशमन कल्प का अर्थ है - क्षमाप्रधान आचार। इस शब्द के अन्य भी कई रूप प्राप्त होते हैं- पज्जोस मरणा (पर्युपशमना), परिवसणा ( परिवसना ), पज्जुसरण (पर्युषण), वासवास ( वर्षावास), पढम समोसरण ( प्रथम समवसरण ) आदि । अर्थात् वर्षाकाल - चातुर्मास में आषाढ़ शुक्ला पूर्णिमा से कार्तिक शुक्ला पूर्णिमा पर्यन्त साधुजनों के करने योग्य शास्त्रविहित आचार, क्षमा-प्रधान प्रचार को पर्युषणा - कल्प कहते हैं। वर्तमान समय में भाद्रपद कृष्णा दादशी १ मुनि पुण्यविजयः कल्पसूत्र प्रास्ताविक पृ० ८-९
२-४ पाइप्रसद्द - महावो, द्वि० संस्करण, पृ० ५१३
3 प्रशमरति प्रकरण १४३
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कल्पसूत्र चूर्णी, मुनि पुण्यविजय संपादित पृ० ८५
E वर्तमान मान्यता श्राषाढ़ शुक्ला १४ से कार्तिक शुक्ला १४ है ।
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