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29. At that time, during that moment, Sramana Bhagavan Mahavira had a three-fold awareness: he was aware that he will be transferred, he was not aware of the transfer, but he was aware that he had been transferred.
30/31. At that time, at that moment, when Sramana Bhagavān Mahavira was taken to the womb of Trisala, it was midnight, the time when
वैठा हुया है, वहां पर आता है। प्राकर, शक्र-देवेन्द्रदेवराज को उसकी याज्ञा शीघ्र ही प्रत्यर्पित करता है अर्थात् आदेशानुसार कार्य सम्पन्न करने की सूचना देता है। २६. उस काल और उस समय थमण भगवान् महावीर तीन (मति-ध्रुत-अवधि) ज्ञान से युक्त थे। 'मेरा यहां से संहरण किया जाएगा' यह वे जानते थे । 'संहरण हो। रहा है' यह वे नहीं जानते थे, और 'संहरण हो गया है। यह वे जानते थे। ३०. उस काल और उस समय श्रमण भगवान महावीर को जब वर्षा ऋतु का तीसरा महीना, पांचवां पक्ष पाश्विन कृष्ण चल रहा था, तब उस आश्विन कृष्ण त्रयोदशी के दिन, जबकि (उन्हें स्वर्ग से च्युत हुए) बयांसी रात-दिन व्यतीत हो चुके थे और तिरासीवां दिन-रात चल रहा था, उस समय हितानूकम्पी हरिनैगमेषी देव ने शक्रवचनानुसार माहणकुण्डग्राम नगर में से, कोडाल गोत्रीय ऋषभदत्त ब्राह्मण की भार्या जालन्धर गोत्रीया देवानन्दा ब्राह्मणी की कुक्षि से, क्षत्रिय
कल्पसूत्र
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