SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 3
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ परिचाल विश्व निशा के प्रथम अधिवेशन एवं अहिंसा सांस्कृतिक सम्मेलन पर आए हुए देश-देशान्तरों के शुभ सन्देश - माननीय डॉ. राधाकृष्णन, भारतीय दूतावास, मास्को, . (वर्तमान : भारत गण-राज्य के उप-राष्ट्रपति, दिल्ली) "मुझे आशा है कि अप्रैल मास के प्रथम सप्ताह में होने वाला जैन मांस्कृ. तिक सम्मेलन, सफल होगा; तथा श्राप अहिंसा-सिद्धान्त पर रोचक अभिभाषणों का नियोजन भी कर सकेंगे जिसकी कि श्राज विश्व को महती आवश्यकता है।" माननीय सुश्री अमृत कौर, राज्य मन्त्री, स्वास्थ्य-विभाग, भारत सरकार, दिल्ली - "अहिंसा, व्यक्ति, समाज, राष्ट्र एवं संसार की भलाई के लिए आधारभूत आवश्यकता है। अतएव बिना इसके सन्तोष, समृद्धि तथा मनुष्य मात्र के लिए शांति सम्भव नहीं।" माननीय श्री आर० आर० दिवाकर, राजमन्त्री, सूचना विभाग, भारत सरकार, दिल्ली- .. - "मैं श्रा के प्रशंसनीय प्रयास की सफलता चाहता हूँ। हमें 'विश्व-प्रेम' के सार्वजनिक मञ्च पर अवश्यमेव संगठित होना चाहिए।" माननीय श्री कन्हैयालाल मणिकलाल मुंशी, राजमन्त्री, खाद्य एवं कृषि विभाग, भारत-सरकार, दिल्ली "आपके अधिवेशन की पूर्ण सफलता चाहता हूँ।" माननीय श्री जगजीवन राम, राजमन्त्री, श्रमविभाग, भारत-सरकार दिल्ली- "...अविवेशन की सभी सफलता चाहते हैं ।" . माननीय श्री महेन्द्र कुमार जी, मन्त्री, समाज सेवा विभाग, विन्ध्य प्रदेशीय सरकार, रीवा निमन्त्रण के लिए धन्यवाद......मैं मिशन' की मंगल प्रगति चाहता हूँ।"
SR No.543515
Book TitleAhimsa Vani 1952 06 07 Varsh 02 Ank 03 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamtaprasad Jain
PublisherJain Mission Aliganj
Publication Year1952
Total Pages98
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Ahimsa Vani, & India
File Size30 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy