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दिगम्बर जैन
[अंक १ सूरत-नी श्राविकाशालानी परीक्षा त्यागी काशी हिन्दू विश्व विद्यालय में देवसागर व सुखानंदनी ब्रह्मचारीए ता० ३ फिझीक, केमीस्ट्री, जियोलोजी, बायोलोनी व मईने दिने लईने अतीव संतोष प्रकट कर्यो माइनिंगकी शिक्षा दी जाती है । उच्च कोटि की हतो । हाक एनो २५ बालिकाओ अने ३० संस्कृत शिक्षाका भी प्रबंध है । जो जन विआवविकाओ लाभ ले छे।
यार्थी इस विद्यालयमें प्रवेश होना चाहे वे महावीरजीके मेले में इस वर्ष चैत्र नीचे के पतेसे अंग्रेजीमें पत्र लिखनेपर सब सुदी १५ पर क्षेत्रकी सुव्यवस्था करनेके लिये प्रकारकी सहायता ले सकते हैं । मईके अंततक एक बड़ी सभा रा. बा० सेठ कल्याणमलनीके आगमनकी सूचना देनी चाहिये । के० मिनराज सभापतित्वमें हुई थी जिसमें १० महाशयों की हेगडे आ. मंत्री जैन एसोशियेशन काशी कमेटी प्रबंधके लिये नियत हुई है जिसके मंत्री हिन्दू विश्व विद्यालय-काशी। रामचंद्र खिंदुका पर हुए हैं तथा धर्मशालाकी महावीर जयंती-इस वार चैत्र सुदी मरम्मतके लिये अपील होने पर १०.१) सेठ १३ को महावीर जयंती उत्सव सूरत, आगरा, कल्याणमल नी, २५१) सेठ हीरालाल पाटनी, ललितपुर, विखरोन, कारंना, शिवपुरी, गोटि२५१) वीरसेवक मंडल जैपुरने भरे थे। टोरिया, कुंथलगिरी, सोलापुर, सुनानगढ़,
पुरातन शहर मांडू-य. गेबीलालजी जालंदर, कलकत्ता, नागपुर, रामपुर, नातेपुते, अपने भ्रमणके हाल में लिखते हैं कि मैंने भभी वर्धा, ननानपुर, बाकरोल, सागर, मुंथरामपुर, धर्मपुरीके पाप्त मांडू (मांडकपुर) नामक पुरातन राणापुर, मादि स्थानों पर मनाया गया था। शहर देखा तो मालूम हुमा कि लोग बम्बई कल- ऋषभ ब्र० आश्रम-का वार्षिकोत्सव कत्ताको बड़ा मानते हैं परंतु यह तो ३६ कोस वैशाख सुदी ३ को होनेवाला था, परन्तु कारबम्बा चौड़ा किला दरबाजा सहित मनबूत बना णवशात् इसवर स्थगित रखा गया है । है। पांच १ खंडके मकान हैं जिनके २ मजल गोहानामें जैन वनिताश्रम-देहली तो जमीनमें हैं। तमाम काम पत्थरका वना है। निवासी ला. हुकमचंद जगाधरमलकी विधवा बड़े २ बाजार हैं। बड़ा जैन मंदिर भी था सुपुत्री ज्ञानमतीने अपने नामसे गोहानामें - जिप्समें जमीनसे प्रतिमा निकली थी वह दि० वैशाख सुदी ३को जैन वनिता आश्रम खोल जैनोंकी संभाल न होनेसे श्वेतांबरी होगया है। दिया । मुहू ब्र० शीतलप्रसाद नीने कराया मांडू महादेवका स्थान भी यहां देखने योग्य है। था। पं० मगनचाई व पं० चंदाबाई भी इस
हिंसा बंद-काशीपुर, पचमान व करौलीमें मौकेपर पधारी थी। इसमें कुमारी विधवा सधवा गत रामनौमीपर होती हुई बलि हिंसा जीवदया तीनों प्रकारकी श्राविकायें प्रवेश की जायेगी। सभा आगरा के प्रयत्नसे बहुत अंशोंमें बन्द कमसे कम ९ वर्षकी कुमारिका तक प्रवेश हो हुई थी।
सकेगी व समर्थसे १) मासिक लिये जांपगे।