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दिगंबर जैन ।
. छान्दोग्योपनिषद् प्रपाठक ३ और खण्ड १६ लिये एक प्रसिद्ध अमरिकनका उत्तर पर्याप्त सम. में भी उत्तम ब्रह्मचर्य का काल ४८ वर्ष लिखा झते हैं। उत्त अमरीकनका कथन है कि "मादक है। विवाहके पश्च त् विधिर्वक रहना योग्य है। वस्तुके सेवकोंकी बुद्धि पहिले हो नष्ट हो जाती ऋतुकालामिगामी स्थास्वदारनिरतः सदा । है। वे इस बातको नहीं समझ सकते कि अमुक
(मनु० ३ । ४५ ॥) वस्तु हमारे लिये विषेलो और हानिकारक है । यदि मनुष्य ऋनुगामी नहीं रहता, तो इसका उसका पद एक प्रकारकी धूम है निसको पाकर अर्थ यह है कि वह पशुओंसे भी गया बोता हम उस विषैली वस्तुके सेवनका समर्थन करते है और यदि युवावस्थामें ही वाधीयको प्राप्त हैं। मदिराके उपासक संसारमें सबसे अधिक हैं।" हो तो क्या आश्चर्य है ?
इसके विषयमें केवल इतना ही कहना आवश्यक अब खानपानका विषय आता है। दीर्घ नीवी है कि 'जाति सुरा, विद्या सुरासुरा स्वर्गको घाम' होनेके लिये मोनन की कोई तोल नहीं बतलायी के भक्त योरुप और अमेरिकामें बहुत हैं। परन्तु जासकती। ठंडे देशवाले गरम देशवालों की वहाँसे भी ब्रह्मांडी (रांडो) देवीको प्रतिष्ठा उठ अपेक्षा अधिक अन्न पचासकते हैं। आहार मी रही है। देश देशकी उपन और जल-वायुपर निर्भर है। अब अन्तिम और सबसे मुख्य विषय व्यायाम मांसाहारी यह कहेंगे कि मांस तो सब काल का है। मनुष्य का शरीर काम करने के लिये बनाया और सब देशों में सेवन करने योग्य है। इस गय है। जो हाथ पैर नहीं चलायेगा, उसके शरीरमें छोटेसे निबन्धमें उनके मतके विरुद्ध आवस्यरूपो काई लग जायगी । इसी कारण प्रमाण देना अनुचित जान पड़ता है। जिनको महात्मा ईसाने कहा था कि 'Earu thy buad इप्स विषय में कुछ ज्ञान प्राप्त करना है वह by the Sreet of thy brow' अपनी रोटी विलायतके प्रसिद्ध डाक्टर अलेकरडर हेग-रचित मेहनत करके कमाओ। विलायतके प्रसिद्ध नाटकप्रन्थों का अवलोकन करें । इस वातकी पुष्टि में हम कार ब्रेडशाने कहा है कि "स्कूल, कचहरी, संसारके प्रसिद्ध शाकाहारियोंके कुछ नाम देते दफ्तर और फैक्टरी इत्य दिब कारागार हैं।" हैं । मनुभगवान् , महात्मा बुद्ध, महावीर, सुकरात जिनको इन कारागारों में शुद्ध वायु नहीं मिलती अरस्तु, सिनोजा, बालटायर, गोल्डस्मिथ और हैं, उनको चाहिये कि वे प्रातःकाल अथवा शूपिनहार इत्यादि महानुभाव मांसाहारीके विरुद्ध सायंकाल कासे कम पां: चार मीश टहला करें । थे। शीतल जके अतिरिक्त मदिरा, तम्बाकू, यदि अवकाश न हो तो डंड, बैठक, डेम्बल चाय, ककेवादिक मादक वस्तुओं का उपयोग मुग्दादिकसे व्यायाम किया करें । एक स्थान सर्वथा त्याज्य है। संसार में प्रत्येक मादक वस्तुके पर बहुत देर खाली बैठे र इनेसे मनुष्य का शरीर लाम सुनानेवाले 'महानुपाव' प्रत्येक देश और स्थूल और शिथिल हो नाता है। यही कारण है प्रत्येक जातिमें मिल सकते हैं। हम उन मनके मज़दूर दुकानदारों को अपेक्षा कम मोटे, परन्तु