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२१ छपकर तैयार है। जैन संसार के लिए अपूर्व भेंट
जो अभीतक नहीं छपाथा और जिसके लिए जैनी भाई बहुत उत्कंठित थे वही जैनियों का परमप्रिय और मंत्रशास्त्रका अपूर्व भण्डार
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भक्तामरकथा ग्रन्थ ।
मंत्र, यंत्र और साधन विधि सहित अभीही छपकर तैयार हुआ है। जल्दी कीजिए, नहीं तो पछताइएगा, कीमत पक्की जिल्द १ | ) सादी जिल्द १ ) मैनेजर—-हिन्दी जैन साहित्य प्रसारक कार्यालय, चन्दावाडी, गिरगांव बम्बई |
* विश्वतत्व चार्ट |
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(1 he Sacred Books of the Jains का चार्ट नं १ ) सारे विश्वसंसार के तत्त्व, जैन सिद्धान्तके अनुसार ( " जीवाजीवाश्रवबन्ध सम्बरनिर्जरामोक्षास्तत्त्वम् ) इस चार्ट ड़ा भारी नकशा)में लिखे गये हैं । जो बातें डों बड़े बड़े आर्ष शास्त्रों के पढ़ने से लूम होती हैं वे इसी एक चार्टके द्वारा लूम हो जायंगी । मानों सागरको गागमें भर दिया गया है । आजतक ऐसा चार्ट कहीं नहीं निकला - यही पहली चीज़ है । अभी इसके अतिरिक्त सार्वधर्म, लोकालोक, सिद्धान्तसार, तथा गुणस्थानादिक के उत्तमोत्तम चार्ट भी छपेंगे । इनका जानना हरएक मनुष्य के लिये आवश्यक है और घड़ी२ शास्त्र उलट कर देखना भी आजकल कठिन है अतएव जिसमें प्रत्येक जनसाधारणको उपयोगी
और जाननेयोग्य विषयोंका सरल रीतिसं ज्ञान हो जाय, इसीलिये ये चार्ट छपाये गये हैं । मन्दिर, पुस्तकालय, पाठशाला, कन्याशाला आदि सार्वजानिक संस्थाओंमें रखने योग्य है। पं. दीपचंदजी द्वारा संपादन होकर सुन्दर चिकने काग़ज़ पर, रंगीन स्याही, ३४०२४ के बहुत आकार में छपाकर आरानिवासी कुमार देवेन्द्रप्रसादजी (मंत्री, ऐतिहासिक विभाग, भारतजैन महामंडल ) ने प्रकाशित कराया है । मूल्य लागत मात्र केवल =) रखा गया है जिसमें सर्वसाधारणको इसका संग्रह करनेमें सुभीता हो । शीघ्रता करें, क्योंकि ऐसा बड़ा भारी नकशा और मूल्य कम होनेसे (बिक जाने पर) पीछेसे मिलना कठिन है । मिलने का पता
मैनेजर, दिगम्बर जैन पुस्तकालय सूरत। SURAT.