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ॐ ॐ ॐ महावीर
(निबन्धमाला) निज देश हित करना सदा, यह एक ही सुविचार हो । प्रचार हो सद् धर्म का, प्राचार पूर्वाचार हो ।
वर्ष १
वीर सं० २४६०, माह, फाल्गुन, चैत्र, || अङ्क १०, ११,
जनवरी से मार्च सन् १९३४.
विमल मंत्रीश्वर (लेखक-शिवनारायण पौरवाल, [यशलहा] इन्दौर ) गुर्जर भूपति भीमदेव थे तेजीधारी ।
शासन जिनका प्रजागणों का था सुखकारी ।। थे वे सद्गुण पुञ्ज, दया बल विक्रम वाले ।
.. गर्व रहित सब शत्रुजनों को थे कर डाले ॥ १ ॥ पाटण अणहिल वाड, इन्होंकी थी रजधानी ।
- उपमा स्वर्ग शिवाय नहीं कोई उसकी सानी || मंत्री मण्डल रहा इन्हों का अति बलशाली ।
. धीर वीर अति नीतिनिपुण निज पान निमाली ॥ २ ॥ राज्य सभा के बीच "विमल" मंत्री कहलाये ।
प्रकट “विमल" से किन्तु उन्होंने गुण थे पाये। सज्जन रूप 'चकोर समूहों को सुखदाई।
: उनकी उम्मल कीर्ति चांदनी सी थी गई ॥ ३ ॥