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महावीर के पाठकगण ! तथा पौरवाल समाज यह सुन कर खुश होंगा कि शिवनाराणजी ने आज तक परिश्रम कर जो इतिहास तैयार किया है के उसको पोरवाल महासम्मेलन को भेट करना चाहते है। और सम्भव है कि इसके पूर्ण तैयार हो जाने पर यदि नजदीक भविष्य में सम्मेलन का दूसरा अधिवेशन हुआ तो वे स्वयम् उसको Manuscript के रूप में मंट करेंगे वरना परिवाला सम्मेलन ओफिस उसको छपवा कर प्रकाशित करेगी । हम अन्तःकरण से शिवनारायणजी को धन्यवाद देते हैं और उनसे अनुरोध करते हैं कि वे बहुत शीघ्र इतिहास की Manuscript कोपी सम्मेलन भोफिस को भेजने की कृपा करें ।
सम्पादक
पौरवाल समाज और दूसरा अधिवेशन
पौरवाल महासम्मेलन को हुए आज दो वर्ष होने आये हैं परन्तु अभी तक दूसरा सम्मेलन भरने का निमंत्रण नहीं आया है जिसक मुख्य कारण यह है कि गत सम्मेलन में आवश्यक्ता से अधिक खर्चे का प्रश्न भावि अधिवेशन को रोकता है। निस्संदेह प्रथम अधिवेशन पर खर्चा अधिक हुआ था । इस समय व्यापार की बड़ी भारी मन्दी होने से बड़े खर्च से सम्मेलन को निमंत्रण करने को कहीं का संघ तैयार नहीं है। अतएव हमारे विचार से मई के महीने में सम्मेलन श्रीबामणवादजी तीर्थ में भरा जाय तो उत्तम है और भायन्दा भी यदि सम्मेलन का वार्षिक निमंत्रण न मिले उस वर्ष सम्मेलन का अधिवेशन श्रीबामणवाड़जी महातीर्थ में ही निश्चय किया जाय सम्मेलन में पंडाल का खर्चा न किया जाय । सम्मेलन की मिटिङ्ग रात को की आय जिससे पंडाल का खर्चा कम से कम एक हजार बच जाय। जीमने के लिये बीसियों का बन्दोबस्त किया जाय जहां पर डेलीगेट चार्ज देकर जीम सके !
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