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(१६) गुवापी पका:
यह रंग कुसुम के फूल से निकलता है । कुसुम के फल में दो प्रकार के रंग होते हैं-एक पीला और दूसरा बाल । पीला रंग पानी में घुल जाता है,
और लाल रंग मनघुल है। चार युक्त पानी में यह लाल रंग घुल जाता है। कपड़े पर गुलाबी रंग रंगने से पहिले कुसुम के फूल का पीला रंग पानी से धो डालना चाहिये।
कुसुम के कूल-५ छटांक १० पाउन्स ।
इसे एक मिट्टी के बर्तन में थोड़ी देर तक भिगो दीजिये, इसके बाद इन फलों को निचोड़-कर पीला रंग निकाल डालिये । जब तक पानी से धोने पर पीला रंग निकलता रहे तब तक फूलों को धोते रहिये ।
. सोडा-पाव छटांक-आधा भाउन्स; पानी-दाई सेर; भाषा गैलन । । अब यह धुले हुए कुसुम के फल सोडे के पानी में भिगो दीजिये । करीब १० मिनट के बाद फूलों को निचोड़ कर सब रंग निकाल कर इसे दूसरे बर्तन में रक्खें । इस रंग में १० मिनट तक कपड़े को भिगो कर अच्छी तरह निचोड़ना चाहिये । भव कपड़े पर कुछ सुनहली चमक आ जाती है। कपड़े को निचोड़ कर निम्न-लिखित पानी में भिगोना चाहिये।
नींबू का रस-४ छटांक-२ आउन्स; पानी--दाई सेर-आधा गैलन । . खट्टे नींबू के रस से काम अच्छा होगा । यदि नींबू न मिले तो ४५
बटांक कधी या पकी इमली या कच्चे आम को पीसकर पानी में घोल कर एक पतले कपडे से छान लीजिये । यह खट्टा पानी कपडे पर लगते ही उस पर लाल रंग पा जावेगा । कुछ समय तक कपडे को अच्छी तरह निचोड कर साफ पानी से धो डालें । यदि रंग और गाढ़ा करना हो तो पूर्वोक्त विधि से कपडे को कुसुम के फूल के पानी से और फिर नींबू के पानी से एक बार और कपडे को लाल रंग से रंग लेवें । नींबू का रस खूब खट्टा होना अति आवश्यक है, नहीं तो कपडे पर अच्छा लाल रंग नहीं आता।
सुम के फल का रंग लाल और उज्वल होता है, परन्तु साबुन से और धूप लगने से बहुत फीका पड जाता है। हाँ केवल साफ पानी से धोने से म नहीं छूटता।