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कपड़े को रंग कर सुखा डालें । इसी रीति से तीसरी बार भी कपड़े को रंगने से अच्छा काला रंग कपड़े पर आ जायगा । एक ही लोहे का पानी और लोहे का सत तीनों दफे काम में लाया जा सकता है, परंतु प्रत्येक बार योड़ा २ हरे का सत और लोहे का पानी और मिला लेना अच्छा है । हर दफे लोहे के पानी में कपड़े को भिगोने पर उसको अच्छी तरह सुखा लेना आवश्यक है। इससे कपड़े पर का सब असीतिकाम्ल या सिरकम्ल उड़ जाता है और लोहे के साथ हरे का कषाय वस्तु (Tannin) मिल कर अच्छा पक्का काला रंग बनता है।
तीन बार इस तरह कपड़े पर काला रंग चढ़ा लेने पर १ या दो दिन में सुखाकर साफ पानी से धो डालें। धोने पर पहिले कुछ काला रंग घुल जाता है, परन्तु इसके बाद अच्छा पक्का काला रंग निकल जाता है।
(८) काला रंग प्राधा पक्का
नीचे के दिये हुए सहज उपाय से बहुत जल्द काला रंग कपड़े पर चढ़ाया जा सकता है, परन्तु यह पक्का नहीं होता और खारे पानी से धोने पर बहुत साफ हो जाता है।
हरे का चूर्ण ४ छटांक-८ आउन्स; पानी ५ सेर-१ गैलन। .
इसको आध घंटे तक उबाल कर सत निकालें और इस गरम सत में कपड़े को आधे घण्टे तक भिगो कर निचोड़ डालें। कपड़े को धूप में सुखाकर
हीराकष २ छटांक-४ माउन्स; गरम पानी ५ सेर-१ गैलन
इसमें कपड़े को आधे घंटे भिगो कर निचोड़ डालें। जब कपड़ा मुख जावे तो ऊपर के नियमानुसार फिर दो बार रंग चढ़ावें । एक ही हीराकष का पानी और हरे का सत प्रत्येक बार काम में लाया जा सकता है, परन्तु कपड़ा भिगोने से पहले थोड़ा नया हीराकष और हरे का सत इसमें मिला देना उचित है। रंगने के बाद कपड़े को साफ पानी से धोकर सुखा लेना आवश्यक है।
(8) राख का रंग पका:हरे का चूर्ण १ छटांक-२ भाउन्स; पानी ५ सेर-१ गैलन