________________
है । इसी तरह वह अपने मानसिक शत्रुओं से भी अपना संरक्षण कर सकता है। वह जानता है कि जब मगज आवेश से गरम हो जाता है तब क्रोध और गुस्सा कर उसमें विशेष लकड़ी डालने से अच्छा परिणाम नहीं आता है परन्तु शान्ति स्वस्थता और गंभीरता से विचार करने से ही अच्छा परिणाम आसकता है
और इससे मगज की उष्णता निवृत करने के लिये उसी उपाय का अवलम्बन करता है। विरोधी विचार अति शीघ्रता से मानसिक अग्नि को शान्त कर देता है। जब हमारे पड़ोसी के घर में आग लगी हो तब हम अग्नि को शान्त करने के लिये घासलेट का डिब्बा लेकर नहीं जाते हैं हम उसके ऊपर केरोसीन नहीं डालते हैं परन्तु पानी छोड़ते हैं तो भी जब एक बच्चा गुस्से हुआ हो तब हम उसमें बलतन डाल कर उसकी क्रोधाग्नि को शान्त करने का प्रयत्न करते हैं। बालकों को यथावत् विचार करते सीखाना चाहिये उनको प्रात्म संयम की शिक्षा देने से बहुतसा दुःख, बहुत से गुन्हा और बहुत सी अवर्णनीय यातनाएं बंद करा सकते हैं। ___ हम एक मनुष्य को कीचड़ में पड़ा हुआ बाहर निकलने को तड़फता देखते हैं तो जरा भी रुके बिना उसको बचाने को दौड़ जाते हैं हम उसको अधिक धक्का देकर उसके दु:ख के भय में वृद्धि करने का विचार नहीं करते हैं परन्तु जब एक मनुष्य किसी भी तरह से गुस्से होता है तब हम उसकी क्रोधाग्नि शान्त करने का प्रयत्न करने के बदले मात्र आग में बलतण को वृद्धि करते हैं तो भी गरम मिजाज का मनुष्य स्वयं जिस कार्य को करने को शकिमान नहीं होता है उस कार्य को करने में अपने आपको अंकुश में रखने में और पीछे से उनको बहुत संताप हो ऐसे शब्द बोलने में उनको सहायता करते हैं उसके लिये वह बहुत बार उनका प्राभार मानता है । __ जब तुम अपने निकट एक ऐसे मनुष्य को देखो कि जिसका उग्र क्रोध फटने की तैयारी में हो और जब तुम जानते हो कि वह अपने आप को अंकुश में रखने का जहाँ तक हो सके उत्तमोत्तम प्रयत्न करता है तब तुम प्रदिप्त हो जाय ऐसे पदार्थ डालने के बजाय उसको सहायता क्यों नहीं करते हो । . ऐसा करने से तुम उसकी बहुत सेवा बजा सकोगे इतना ही नहीं परन्तु तुम अपनी मात्मसंयम करने की शक्ति को भी हद कर सकोगे । जो मनुष्य