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________________ (३७) करने वाली गोली का वार किया गया एक षण में बन्दूक का घोड़ा दवाया गया परन्तु जिस मित्र पर बार किया गया वह कभी वापिस नहीं पाया और अपराध अनअपराध नहीं हुआ। अहो ! गुस्सा से बहुत से शोक जनक कार्य करने में आते हैं अक्सर मनुष्यों ने क्षण भर का काबू खोकर अच्छा पद, समग्र जीवन का सुख खो दिया है उन्होंने एक क्षण के क्रोधावेश में कदापि अपने प्रस्तुत पद के प्रारूढ होने में वर्षापर्यन्त किया हुआ कार्य और प्राप्त अनुभव फेंक दिया है । ... मैं एक अधिक समर्थ अधिपति को पहिचानता हूं कि जो देश के उत्तमोत्तम और बड़ी दैनिक पत्रों के आफिस में श्रेष्टपद पर रह चुके हैं वे बहुत से विषयों पर प्रबल और उत्तम लिख सकते हैं, वे इतिहास का बहुत अच्छा ज्ञान रखते हैं वे दयावान और मृदु हृदय के मनुष्य हैं अतएव दरिद्रता में आये हुऐ किसी भी मनुष्य की कैसी भी मदद करने को तत्पर रहते हैं तो भी वे अपने क्रोधी स्वभाव की वजह से प्रायः सम्पूर्ण निष्फल ही रह जाते हैं। मनुष्य को जो पद प्राप्त करने में वर्षों व्यतीत हो जाते हैं उस पद का त्याग गुस्से से एक क्षण में हो जाता है। वह जानता है कि उसमें सर्वोत्तम शक्ति होने पर भी उसको अनेक जगह भटकना पड़ा है। वह मुश्किल से अपने कुटुम्ब का पोषण कर सकता है और वह क्रोधी स्वभाव का स्वयम् दास है इस प्रतीति सहित वह अपना जीवन पूरा करता है। हम हर एक स्थान पर क्रोधी स्वभाव के भोगियों को गौते खाते देखते हैं और अनेक महिनों में अथवा उनके समग्र जीवन में उन्होंने जो प्राप्त किया है उन सब को थोड़े क्षणों में गुमाते हुए देखते हैं कि वे निरन्तर चढ़ते हैं और वापिस गिरते हैं। ___मैं बहुत से ऐसे वृद्ध मनुष्यों को पहिचानता हूं कि जिनकी पूरी कार्य दक्षता और प्रसिद्धी उनके गरम स्वभाव की वजह से संकुचित हो गई है जिन मनुष्यों के साथ उन्हें मत भेद पड़ा हो वे उनको दो बात सुनाये बिना नहीं रह सकते हैं। उनके हित को चाहे जितना नुकसान होता हो अथवा कितना ही अधिक भोग देना पड़ता हो तो भी वे अपनी खुली जीहा और अपने गुस्सा को निरंकुश नहीं छोड़ सकते हैं।
SR No.541505
Book TitleMahavir 1934 08 to 12 Varsh 01 Ank 05 to 09
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTarachand Dosi and Others
PublisherAkhil Bharatvarshiya Porwal Maha Sammelan
Publication Year1934
Total Pages92
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Mahavir, & India
File Size11 MB
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