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________________ ७४] महावीर निम्न लिखित महाशय महावीर के पहिले ग्राहक हुए हैं उनके रजिस्टर नम्बर नीचे के माफिक हैं अतएव पत्र व्यवहार करते समय ग्राहक नंबर नीचे माफिक ही लिखा करें। ग्राहक न० १ श्रीमान् मोतीलालजी कोटा प्राहक नं. २ , बोहरा मुलचंदजी तीलोक चंदजी सिरोही ग्राहक नं०३ , अंबोर ताराचंदजी नवलमल जी , ग्राहक न०४ , सिंघी पुनमचंदजी हीराचंदजी , ग्राहक नं०५ , अंबोर राजमलजी धनराजजी , ग्राहक नं०६ , शाह प्रेमचंदजी देवीचंदजी बम्बई ग्राहक नं०७ , शाह नानाजी मोतीचंदजी अलीराजपुर ग्राहक नं०८ , शाह चुन्नीलालजी बेचरदासजी ,, ग्राहक नं०६ , शाह ऊंकारमळजी नेमाजी सिरोही ग्राहक नं० १० ,, शाह ऊंकारमलजी नेमाजी इन्दोर ग्राहक नं० ११ , मेसर्स सिंघी बधर्स अण्ड कु० इन्दोर प्राहक नं० १२ , साजी विजेराजजी सिरोही ग्राहक नं० १३ , सिंघी समर्थमलजी रतनचंद जी सिरोही ग्राहक नं० १४ , सिंघी कुन्दनमल जी जवानमलजी ग्राहक नं० १५ , वहित्रा पूनमचंदजी सरेमलजी .. ग्राहक न० १६ सिंघी विजयराजजी धनराजजी , ग्राहक नं० १७ , शाह केसरीमलजी कपूरचंदजी ,, ग्राहक नं० १८ , शाह कुन्दनमलजी रतनचंदजी , ग्राहक नं० १९ , वहिता लालचंदजी विजयराज जी ,, ग्राहक नं० २० , सिंघी ताराचंदजी सागरमलजी , ग्राहक नं० २१ ,, शाह अजेराजजी जवानमलजी , ग्राहक नं० २२ ,, पन्नालालजी डग ग्राहक नं० २३ , शाह कपूरचंदबी चीमनलालजी गोईली वाला ग्राहक नं० २४ , शाह ओगाजी चंपालाल जी उदयपुर ग्राहक नं० २५ , शाह देवीचंदजी जैन करनोल ग्राहक नं० २६ , सिंघी बाबूमलजी पूनमचंदजी सिरोही
SR No.541501
Book TitleMahavir 1933 04 to 07 Varsh 01 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorC P Singhi and Others
PublisherAkhil Bharatvarshiya Porwal Maha Sammelan
Publication Year1933
Total Pages112
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Mahavir, & India
File Size18 MB
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