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________________ अनेकान्त 69/3, जुलाई-सितम्बर, 2016 स्त्रियों के भेद संसार में स्त्रियाँ जन्म से एक ही तरह की होती हैं, परन्तु जैसे-जैसे उसमें दायित्व और कर्तव्यों का भार आ जाता है, वैसे-वैसे उसमें भिन्नता प्रकट होने लगती है। इस प्रकार स्त्रियों के निम्न प्रकार हैं- धर्मपत्नी, भोगपत्नी, दासीपत्नी, परस्त्री, वेश्यादि । धर्मपत्नी उसे कहते हैं, जो पति के साथ धर्मानुष्ठान आदि सभी धार्मिक क्रियाओं के साथ सांसारिक क्रियाओं में सहभागिता प्रदान करती है। भोगपत्नी में धर्मादि क्रियाओं का अभाव होता है, वे मात्र भोग के साधनों में ही अपना जीवन यापन कर देती हैं। दासीपत्नी वे कहलाती हैं, जिन्हें दासी के पद पर ही स्वामी पुरुष के द्वारा भोगा तो गया है, परन्तु धर्मपत्नी के योग्य पद प्रदान नहीं किया गया है। ये भोगपत्नी से निम्न श्रेणी में अवगणित है। अपनी पत्नी के अतिरिक्त संसार की समस्त स्त्री समूह परस्त्री कहलाती हैं। वेश्या को नगरनारी की संज्ञा भी दी जाती है। ये वेश्याएँ कार्य करने के अनुसार दो प्रकार की कही जाती हैं। प्रथम वर्ग में वे स्त्रियाँ जो राजादि के समस्त नृत्य, गानादि के द्वारा जनसमूह का मनोरंजन किया करती हैं। इनमें भोगों की प्रधानता नहीं होती है। इनके द्वारा शारीरिक व्यापार नहीं किया जाता है। ये मात्र अपनी कला से ही धनोपार्जन किया करती हैं। इनकी प्रधान वेश्या को गणिका कहते हैं तथा द्वितीय वर्ग में वे वेश्याएँ, जो शारीरिक भोग के द्वारा लोगों से धनोपार्जन करती है। इस प्रकार स्त्रियों के कई प्रकार होते हैं। 37 स्त्रियों के दुर्गुण - निर्दयता, दुष्टता, मूर्खता, अतिशय चपलता, धोखादेही और कुशीलता ये दोष स्त्रियों के स्वभाव से उत्पन्न होने वाले हैं। 2 स्त्री रागद्वेष का घर है। असत्य का आश्रय है। अविनय का आवास है । कष्ट का निकेतन है और कलह का मूल है। शोक की नदी है । वैर की खान हैं। क्रोध का पुंज है। मायाचार का ढेर है। अपयश का आश्रय है। धन का नाश करने वाली है। शरीर का क्षय करती है। दुर्गति का मार्ग है। अनर्थ के लिए प्याऊ है और दोषों का उत्पत्ति स्थान है। स्त्री धर्म में विघ्न रूप है। मोक्षमार्ग के लिए अर्गला हैं, दु:खों की उत्पत्ति का स्थान है और सुखों के लिए विपत्ति है।
SR No.538069
Book TitleAnekant 2016 Book 69 Ank 01 to 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaikumar Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year2016
Total Pages288
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size1 MB
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