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________________ अनेकान्त 69/3, जुलाई-सितम्बर, 2016 परिवर्तितरूप आचरण है। इस प्रकार अन्यधर्मों के कई अनुष्ठान जैनधर्म के अनुष्ठानों का ही परिवर्तित रूप है, जो वर्तमान में भी दिखाई पड़ती है। आचार्यश्री विद्यानंद मुनि महाराज जी ने यह स्पष्ट लिखा है कि इटली, ग्रीस एवं रोम देशों में जैन साधु विहार किया करते थे। वहाँ के लोग आत्मविद्या के विचारों में निपुण थे। सम्राट सिकन्दर ने भी नग्न-दिगम्बर जैन साधु-सन्तों का दर्शन किया था तथा तक्षशिला भगवान् बाहुबली की राजधानी थी। ग्रीसदेश और अफघानिस्थान. सिन्ध. बलचिस्तान इन सभी देशों में जैनधर्म का प्रचार प्रचुर मात्रा में था। जैनधर्म में सुमेरूपर्वत के बारे में भी बहुत महत्त्वपूर्ण विवरण प्राप्त होता है। तीर्थकर होने वाला बालक जन्म होते ही स्वर्ग के चारों प्रकार के देव उस भगवान् शिशु को उस पर्वत के पाण्डुकशिला पर विराजमान करके क्षीरसागर का जल लाकर अभिषेक-स्नान करते हैं। यह विशेषता है कि ऐसा तीर्थकर का जन्माभिषेक कल्याणक जिस पर्वत पर किया जाता है वह सुमेरुपर्वत आज के ईजिप्टदेश में है। अतः इतिहासकार और जैन समुदाय इस विषय पर ध्यान देवें तथा इस विषय पर अध्ययन व संशोधन करने की आवश्यकता है। इससे जैनधर्म की प्राचीनता एवं व्यापकता स्पष्टरूप से सिद्ध होती है। इसके अतिरिक्त चीना, बर्मा, जापान, रशिया आदि देशों में भी जैनधर्म व्याप्त था। चीना-चिन शब्द जिन शब्द का परिवर्तित रूप है। इसे विदेशियों ने चीन नाम से उच्चारण किया है, जिससे आज वह चीना-चीनदेश के नाम से प्रसिद्ध है। ब्रह्मदेश भगवान् वृषभनाथ का विहारस्थान था। आज वही देश बर्मा-वर्मा (म्यानमार) देश नाम से जाना जाता है। जापान देश का एक विशेष सिद्धान्त है, जिसे झन् Zen नाम से जाना जाता है। यह विचारणीय है कि इस सिद्धान्त का जैनसिद्धान्त से कोई न कोई सम्बन्ध अवश्य होगा। इसके बारे में शोध करने की आवश्यकता है। इस प्रकार जैनधर्म की विश्व व्यापकता के विषय पर जिज्ञासा उत्पन्न होना सहज ही है। यदि हम इस प्रकार वास्तविकता की शोध करते हुए जैनवाङ्मय का अवलोकन करने पर यह परिलक्षित होता है कि जम्बूद्वीप वृत्ताकार है। विज्ञान द्वारा प्रस्तुत भूभाग की अखण्डमण्डल के
SR No.538069
Book TitleAnekant 2016 Book 69 Ank 01 to 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaikumar Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year2016
Total Pages288
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size1 MB
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