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________________ अनेकान्त 69/3, जुलाई-सितम्बर, 2016 अरहत् नाम का अन्यरूप ही अराफत् है। प्यालेस्तिन् देशवासियों का धर्म और इस अधिकारी का धर्म भी इस्लाम धर्म ही है। अतः इस्लाम धर्म में अर्हत् और अरहत् नाम अरफत् के रूप में आज भी प्रसिद्ध है। यहाँ एक गम्भीरता से शोध का विषय है कि अरह, अहरत्, अरहन्त आदि शब्द जैन धर्मावलम्बियों के आराध्य भगवान या देव का नाम है, जो इस्लामधर्मियों का कैसे हुआ? जिस प्रकार भारतीयों में व्यक्ति को सम्बोधित करने के लिए हरी, हर, शिव, विष्णु, कृष्ण, राम, नागराज, नागेन्द्र, अर्हत्, अरिहन्त, अरह आदि नाम प्रचलित हैं। उसी प्रकार इस्लाम, क्रैस्त और यहूदियों में भी प्राचीनकाल में किसी व्यक्ति को सम्बोधित करने के लिए अरह, अरहत्, अरहन्त आदि संज्ञाएँ प्रचलित थीं। इस्लाम धर्म में देव को सम्बोधित करने के लिए अरहत् या अरफत् नाम प्रचलित है। ऐसा प्रतीत होता है कि जितना अर्हत् एवं अर्हन् शब्दों का परिवर्तन हुआ है उतना अन्य शब्दों का नहीं हुआ होगा। उदाहरणार्थ- अर्हत्/ अरहत् व अर्हन्/ से अरहान्-अरहद-अरफत्-अराफत्-अर्षद्-एर्षत्-इर्फान-इरान्-येर्हन्अरफ-रफ-रब-अब्दुल-अफ्घन्-अब्रहम, इब्राहीम्-अर्शद् आदि। आज अफघानिस्थान नाम का मूलरूप अर्हन्स्थान या अर्हत्स्थान है। यही नाम परिवर्तित होकर अफघन+इस्थान् = अफघानिस्थान हुआ है। इरान् देश का नाम अर्हन्। अर्हन् से येर्हान् और येर्हान् से परिवर्तित होकर इरान् बना है। उसी प्रकार अर्हत् शब्द परिवर्तित होकर इराक् बना होगा। अरह से अरफ एवं अरफ से अरब तथा अरब से अरेबिया बना है, जो अंग्रेजी भाषा में परिवर्तित है। इस प्रकार सम्पूर्ण भारतदेश का नाम ही अरह था, जो प्रस्तुत में अरबस्थान, अरब, अरेबिया नाम से जाना जाता है। इसी प्रकार अरहन्त-अरहमत-अरहमत-रहमत-रहमान् के रूप में परिवर्तित हुआ है तथा अरह से अरफ, अरहफ से अरब परिवर्तित रूप है। अल्लाह शब्द भी इसी तरह शब्द का ही परिवर्तित रूप है, जैसे कि मागधी प्राकृत में र का ल होने का नियम है। प्राचीनकाल में सामान्य लोगों ने अर्हत् शब्द को अपनी उच्चारण की सरलता के लिए अरह, अरह से अलह के रूप में उच्चारण करते हुए आगे अल्लाह के रूप में उच्चारण करने लगे। अल्लाह अथवा अल्लह ही इस्लामधर्मियों का आराध्यदेव होने से उनकी परम्पराओं
SR No.538069
Book TitleAnekant 2016 Book 69 Ank 01 to 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaikumar Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year2016
Total Pages288
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size1 MB
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