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अनेकान्त 68/1, जनवरी-मार्च, 2015
विषयानुक्रमणिका
विषय
लेखक का नाम
पृष्ठ संख्या
9-19
विशेष संपादकीय ....... पं. निहालचंद जैन 5-8 1. आत्मख्याति टीका में प्रयुक्त
क्रमनियमित विशेषण का अनिल अग्रवाल
अभिप्रेतार्थ 2. आचार्य हरिभद्र का अनेकांतवाद और उपयोगिता
अतुलकुमार प्रसाद सिंह 20-28 3. जैनदर्शन में विवेचित विग्रहगति
की अन्य दर्शनों से तुलना प्रा. डॉ. शीतलचंद जैन 29-36 4. चामुण्डराय : व्यक्तित्व एवं डॉ. आनन्दकुमार जैन 37-45
कृतित्व 5. आचार्य देवसेन की कृतियों में दार्शनिक दृष्टि
डॉ. आलोक कु. जैन 46-54 6. जैन वाड्.मय में अवधिज्ञान ___पवन कुमार जैन 7. अहिंसा संबंधी व्यावहारिक
समस्याएँ, समाधान...... डॉ. वंदना मेहता 69-76 8. Social Implications of Dr. Samani Shashi 77-82 Meditation
Prajna 9. धार्मिक जीवन और स्वास्थ्य आचार्य राजकुमार जैन 83-91 10. रूस में जैन पाण्डुलिपियाँ ललित जैन 92-94 11. पुस्तक समीक्षा 12. पाठकों के पत्र .......
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