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________________ अनेकान्त 68/4, अक्टू-दिसम्बर, 2015 से खून बहना चालू हुआ अनेकों डाक्टरों द्वारा चिकित्सा की गई, किन्तु कोई लाभ नहीं हुआ। इतने में एक सेथाल उधर से गुजरा उसने 'वक्सी' की जड़ी लेकर पानी के साथ पीसकर पिला दी जिससे रोगी का खून बहना तत्काल बन्द हो गया। इसी प्रकार महिलाओं को रक्तप्रदर में भी इस औषधि का चमत्कारिक प्रयोग सफलता से होता है। ___नर्मदा के किनारे पर बड़ौदा की सरहद पर 'गौला' नामक एक औषधि होती है इस विषय में कहा जाता है कि पानी में डूबा हुआ मनुष्य मृत्यु के मुंह में हो तो पुनर्जीवन देती है। डाक्टरों का मत है कि क्लोरोफार्म के समकक्ष अन्य कोई औषधि भारतवर्ष में पैदा नहीं होती है पर हिमालय पर्वत के अन्दर नेपाल से भूटान के बीच में 'विखमा' नामक एक वनस्पति एक वनस्पति के पौधे पाये जाते हैं, जिनकी ऊँचाई 4 से 5 फुट होती है। इस औषधि की यह प्रवृत्ति है कि कोई भी व्यक्ति इसक पास से निकल जाता है तो वह मूर्छित हो जाता है (अर्थात् इस औषधि को सूंघने से मूर्छित हो जाता है)। इस वनस्पति की तरह दर्पनाशक एक वनस्पति 'निर्विषा' है जो कि 'विखमा' के पास ही पैदा होती है, इसको सूंघने मात्र से बेहोश मनुष्य तत्काल होश में आ जाता है। आचार्य चरक ने कई दिव्य औषधियों के विषय में बताया है-जैसे 'ब्रह्मसुर्वचला' नाम की औषधि होती है जिसको 'हिरण्य क्षीरा' भी कहते हैं जिसके पत्ते कमल के सदृश होते हैं। एक औषधि 'सूर्यकांता' नामक है जिसका दूध सुवर्ण के समान पीला होता है और फूल सूर्य मण्डल के आकार के होते हैं। एक औषधि 'नारी' नामक होती है इसके पत्ते बकरे के सदृश होते हैं। एक 'सर्पा' नामक औषधि सर्प जैसी होती है। 'सोम' नामक औषधि जो सब औषधियों की रानी है, इसके पन्द्रह पत्ते होते हैं और चन्द्रमा की कला के अनुसार कृष्ण पक्ष में प्रतिदिन एक एक पत्ता घटता जाता है और शुक्ल पक्ष में प्रतिदिन एक एक पत्ता घटता जाता है और शुक्ल पक्ष में प्रतिदिन एक एक पत्ता नवीन आता जाता है। उपरोक्त औषधियाँ महान दिव्य औषधियां हैं इनके रस का तृप्ति पर्यन्त पान करने से और ऊपर से बकरी का दूध पीर से तथा उसके बाद पलाश की हरी लकड़ी के बनाये हुए ढक्कनदार टब में नग्न स्थिति में सोने से नवीन शरीर की प्राप्ति होती है।
SR No.538068
Book TitleAnekant 2015 Book 68 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaikumar Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year2015
Total Pages384
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size1 MB
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