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अनेकान्त 68/3, जुलाई-सितम्बर, 2015
संदर्भ :
1. णयदित्तिणओ भणिओ...... धवला, आचार्य वीरसेन, पुस्तक 1, पृ.सं. 11
2. आप्तमीमांसा, आचार्य समन्तभद्र, श्लोक 106
3. लघीयस्त्रय, आचार्य अकलंकदेव, श्लोक 52
4. सम्मइसुत्तं, आचार्य सिद्धसेन, काण्ड 1, गाथा 3?
5. सम्मइसुत्तं, आचार्य सिद्धसेन, काण्ड 1, गाथा 12 का पुर्वार्द्ध
6. वही, गाथा 17-19
7. पंचास्तिकाय, आचार्य कुन्दकुन्द, गाथा 9
8. सर्वार्थसिद्धि, आचार्य पूज्यपाद, अध्याय 1, 5/17/5
9. पंचाध्यायी, पूवार्द्ध, पाण्डे रायमल्ल जी, श्लोक 73 10. सर्वार्थसिद्धि, आचार्य पूज्यपाद, अधयाय 5/2/266/10 11. जैनेन्द्र सिद्धान्त कोष, क्षु. जिनेन्द्रवर्णी, भाग-2, द्रव्य, 12. तत्त्वार्थसूत्र, आचार्य उमास्वामी, अध्याय-5, सुत्र 41 13. पंचाध्यायी, पाण्डे रायमल्लजी, अधयाय 1 श्लोक 13 14. आलापपद्धति, आचार्य देवसेन, पर्याय अधिकार, सुत्र - 1 15. पंचाध्यायी, पाण्डे रायमल्लजी, अध्याय 1, श्लोक 26
16. सम्मइसुत्तं, आचार्यसिद्धसेन, काण्ड 3, गाथा 1
17. वही, गाथा 4, 18. वही, गाथा 7 20. जैन यशपाल, जिनधर्म विवेचन, द्रव्य विवेचन, पृ.65
21. सम्मइसुत्तं, आचार्य सिद्धसेन, काण्ड 1, गाथा 12
22. वही, काण्ड 3, गाथा 41 23. वही, गाथा 47
24. सांख्यकारिकारण 10
25. सम्मइसुत्तं, आचार्य सिद्धसेन, काण्ड 3, गाथा 57 26. वही, गाथा 68
पेज 454
19. वही, गाथा 10
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- जैनविद्या एवं प्राकृत विभाग सामाजिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय, मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर (राज.)