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________________ अनेकान्त 67, जनवरी-मार्च 2014 उसने कुछ वर्ष वहीं रुक कर विभिन्न स्थानों पर व्याख्यान दिए, शाकाहार का प्रचार किया और लोगों को जैन धर्म में दीक्षित किया। उसके अमरीकी शिष्यों ने फ्रांसिसी और अंग्रेजी में जैन धर्म पर पुस्तकें लिख कर अपने गुरु को गौरवान्वित किया। अमरीका की यात्रा करने वाला वह पहला गुजराती था। उसका नाम था वीरचंद राघवजी गाँधी। वे महुवा (गुजरात) के प्रसिद्ध व्यापारी राघवजी तेजपालजी गाँधी के इकलौते पुत्र थे। अगस्त का महीना उनकी जन्मतिथि (२५ अगस्त १८६४) का भी साक्षी है और निधन तिथि (७ अगस्त १९०१) का भी। बम्बई विश्वविद्यालय से उन्होंने बी.ए. और कानून की परीक्षाएं उत्तीर्ण की। उक्त सम्मेलन के लिए वस्तुतः आचार्य विजयानन्द सूरि (आचार्य आत्माराम) को आमंत्रित किय गया था; पर जैन आचार्य समुद्र यात्रा नहीं करते, अतः उन्होंने वीरचंद गांधी को अपना प्रतिनिधि बनाकर भेजा। सन्यासी स्वामी विवेकानंद और गृहस्थ वीरचंद गाँधी के यदि वेशभूषागत अंतर को छोड़ दें, तो उनमें अनेक समानताएँ दिखाई देती हैं। जब वे इस सम्मेलन में भाग लेने अमरीका गए तब दोनों युवा थे और समवयस्क थे। स्वामी विवेकानन्द ३० वर्ष ८ महीने और वीरचंद गाँधी २९ वर्ष के हो गए थे। बाद में दुर्भाग्य से दोनों ही अल्पजीवी हुए। स्वामी विवेकानंद का ३९ वर्ष और वीरचंद गाँधी का ३७ वर्ष की आयु में स्वर्गवास हो गया। दोनों ने ही अपने व्याख्यानों के माध्यम से अमरीकावासियों को भारतीय संस्कृति से परिचित कराया। दोनों ही सम्मेलन के उपरान्त कुछ वर्ष अमरीका में और फिर यूरोप में अपनी रुचि के विषयों पर व्याख्यान देते रहे और दोनों को सर्वत्र भरपूर सम्मान मिला। दोनों के ही वहां अनेक अनुयायी बनें। दोनों बहुभाषाविद थे। स्वामी विवेकानंद मातृभाषा बांग्ला के अतिरिक्त अंग्रेजी, संस्कृत और हिंदी के ज्ञाता थे तो वीरचंद गांधी देशी-विदेशी १४ भाषाओं के केवल ज्ञाता ही नहीं थे, बल्कि इनमें धाराप्रवाह वार्तालाप भी करते थे। दोनों ने ईसाई पंथ से संबन्धित पुस्तकों का अनुवाद करने के लिए अनुवादक की भूमिका भी निभाई। स्वामी विवेकानंद ने अपनी प्रिय पुस्तक "Imitation of Christ" के कुछ अंश का अंग्रेजी से बांग्ला में अनुवाद किया (ज्ञातव्य है कि देशाटन के लिए मठ से चलते समय स्वामी जी ने उक्त
SR No.538067
Book TitleAnekant 2014 Book 67 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaikumar Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year2014
Total Pages384
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size1 MB
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