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________________ अनेकान्त 67/3, जुलाई-सितम्बर 2014 अभिनंदन प्राचार्य निहालचंद जैन “महावीर पुरस्कार २०१३" (ब्र० पूरणचन्द्र रिद्विलता लुहा० साहित्य पुरस्कार ) से सम्मानित नई दिल्ली। जैन जगत के वरिष्ठ विद्वान प्राचार्य निहालचंद जैन (बीना) निदेशक-वीर सेवा मंदिर, दरियागंज नई दिल्ली को वर्ष २०१३ का महावीर पुरस्कार(ब्र० पुरणचन्द्र रिद्विलता लहाडिया साहित्य परस्कार) आपकी प्रसिद्ध कृति “सौ बोध कथाएँ" पर जैन विद्या संस्थान दि० जैन अतिशय क्षेत्र श्री महावीर जी की ओर से १६ अप्रैल, २०१४ को श्री महावीरजी के वार्षिक मेले के सुअवसर पर प्रदान किया गया। श्री प्राचार्य जी १० वर्ष तक “घर घर चर्चा रहे धर्म की" (मासिक) के प्रधान संपादक एवं वीतरागवाणी (मासिक) टीकमगढ़ के विगत ३५ वर्ष से विशिष्ट संपादक हैं। वर्तमान में आप वीर सेवा मंदिर से प्रकाशित शोध त्रैमासिकी “अनेकान्त" के सम्पादक मण्डल के वरिष्ठ सदस्य हैं। ___ आप एक अच्छे प्रवचनकार और लेखक हैं। अद्यतन आप लगभग १८ पुस्तकों- के लेखक/संपादक हैं और आपको कई लब्धप्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त हो चुक हैं। आपका मुख्य उद्देश्य जैनधर्म के सिद्धांतों की वैज्ञानिक पृष्ठभूमि पर व्याख्यापित कर नई पीढ़ी को जैनधर्म के प्रति रुझान पैदा करना है। वीर सेवा मंदिर के अध्यक्ष, समस्त पदाधिकारीगण एवं परिवार की ओर से बधाई एवं अभिनंदन। आपके स्वस्थ एवं दीर्घायु की मंगल शुभकामनाओं सहित। - वी० के० जैन, महामंत्री वीर सेवा मन्दिर, नई दिल्ली-२
SR No.538067
Book TitleAnekant 2014 Book 67 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaikumar Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year2014
Total Pages384
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size1 MB
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