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________________ अनेकान्त 67/1, जनवरी-मार्च 2014 ३१. वही, ५.२३.१.२ पुस्तक ६ पृष्ठ २११-२१२ ३२. 'शब्दबन्धसौम्य स्थौल्यसंस्थानभेदतमश्छायातपोद्योतवन्तश्च'। - तत्त्वार्थसूत्र , ५.२४. ३३. तत्त्वार्थवार्तिक, ५.२४.२४ ३४. तत्त्वार्थ, ५.१९-२० ३५. सर्वार्थसिद्धि, ५.२०.२८९ ३६. तत्त्वार्थश्लोकवार्तिक, ५.२०.१ पुस्तक ६ पृष्ठ १५२ ३७. 'अणवः स्कन्धाश्च। भेदसंघातेभ्य उत्पद्यन्ते। भेदाणुः। भेदसंघाताभ्यां चासुषः। - तत्त्वार्थसूत्र, ५.२५-२८ ३८. The Nature of the physical world] pg. 31 ३९. नित्यावस्थितान्यरूपाणि।' - तत्त्वार्थसूत्र, ५.४ ४०. तत्त्वार्थवार्तिक, ५.१.१९-२० ४१. “धर्मास्तिकायाभावात्। - तत्त्वार्थसूत्र, १०.८ ४२. पंचास्तिकाय, गाथा ८५ ४३. वही, गाथा ८८ ४४. तत्त्वार्थश्लोकवार्तिक, ५.१ पुस्तक ६ पृष्ठ ६. ४५. तत्त्वार्थसूत्र, ५.६ ४६. तत्त्वार्थश्लोकवार्तिक ५.१.३ पुस्तक ६ पृष्ठ ६ ४७. वही, ५.१३.१, पुस्तक ६ पृष्ठ ६ ४८. वही, ५.१७.१-२, पुस्तक ६ पृष्ठ ६ ४ ९. तत्त्वार्थसूत्र, ५.१८ ५०. सर्वार्थसिद्धि, ५.१८.१८४ ५ १. तत्त्वार्थश्लोकवार्तिक, ५.१ पुस्तक ६ पृष्ठ ६ ५२. वही, ५.२ पुस्तक ६ पृष्ठ २० ५३. 'आ आकाशदेकद्रव्याणि। - तत्त्वार्थसूत्र, ५.६ ५४. तत्त्वार्थश्लोकवार्तिक, ५.७.१ पुस्तक ६ पृष्ठ ६ ५५. वैशेषिकसूत्र, २९-३० ५६. तत्त्वार्थश्लोकवार्तिक, ५.९ पुस्तक ६ पृष्ठ ८१-८६ ५७. तर्कसंग्रह 'शब्दगुणकमाकाशम्। तच्चैकं विभु नित्यं च।' ५८. तर्कसंग्रह, आचार्य शेषराजशर्मा रेग्मी कृत व्याख्या पृष्ठ १२ ५९. सर्वार्थसिद्धि, ५.१२.२७८ ६०. वही ६१. तत्त्वार्थवार्तिक, ५.१२.२-४ ६२. 'ध्रौव्यं तावत् कालस्य स्वप्रत्ययं स्वभावव्यवस्थानात्, व्ययोदयौ परप्रत्ययौ, अगुरुलघुगुणवृद्धिहान्यपेक्षमा स्वप्रत्ययौ च।' तत्त्वार्थवार्तिक, ५.३९.२ ६३. सर्वार्थसिद्धि, ५.३९, ६४. तत्त्वार्थवार्तिक, ५.४० ६५. 'लोयायासपदेसे एक्केक्के जे ठिया हु एक्किक्का। रयणाणं रासिमिव ते कालाणू असंखदव्वणि।। - द्रव्यसंग्रह, गाथा २२ ६६. तत्त्वार्थश्लोकवार्तिक, ५.३९.२ पुस्तक ६ पृष्ठ ४०६ ६७. 'वर्तनापरिणाम क्रियाः परत्वापरत्वे च कालस्यां - तत्त्वार्थसूत्र, ५.२२ ६८. 'अतीतादिव्यवहारहेतु कालः। स चैको विभुर्नित्यश्च।' - तर्कसंग्रह, पृ. १२ ६९. वही, रेग्मीकृत व्याख्या, पृ. १२ ७०. वही, ५.२२.११ पुस्तक ६ पृष्ठ १६० ७ १. अद्वशालिनी, १.३.१६ ७२. द्रष्टव्य - तत्त्वार्थश्लोकवार्तिक, ५.२२.१४-२३ पुस्तक ६ पृष्ठ १६१-१६३ ७३. वही, ५.२२.२४ पुस्तक ६ पृष्ठ १६३. - अध्यक्ष, संस्कृत विभाग, एस. डी. (पी.जी.) कालेज, मुजफ्फरनगर (उ.प्र.)
SR No.538067
Book TitleAnekant 2014 Book 67 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaikumar Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year2014
Total Pages384
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size1 MB
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