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________________ 76 अनेकान्त 67/2, अप्रैल-जून 2014 नहीं है। यह वही वस्तु है', इस प्रत्यभिज्ञान में पूर्वदृष्ट वस्तु का अविच्छेदपने ज्ञान होता है जिससे उस वस्तु को क्षणमात्र अवस्थायी ही नहीं माना जा सकता है। अतएव उसका नित्यपना है। तथा कालभेद से वस्तु अपने अपने क्षणों में तत्तद्वर्ती अवस्थाओं वाला ही होता है। वे अवस्थायें क्षणिक होती है इसलिये वस्तु क्षणिक भी है।। कोई भी वस्तु अपने सामान्य स्वरूप से न उत्पन्न होती है और न ही व्यय को प्राप्त होती है। उत्पाद विनाश शील पर्यायों में सामान्य धर्म का अन्वय पाया ही जाता है। अतः सामान्य स्वरूप की अपेक्षा वस्तु नित्य ध्रुव शाश्वत या अनादि अनन्त है। तथा विशेष पर्याय धर्म की अपेक्षा वस्तु में प्रतिक्षण उत्पाद विनाश देखा जाता है। वर्तमान पर्याय का व्यय होता है तो उसकी जगह अन्य पर्याय का उत्पाद हो जाता है यह क्रम सदा चलता रहता है। पर्याय विशेष द्रव्यसामान्य के बिना नहीं पाया जाता है तथा द्रव्य सामान्य भी कभी भी पर्यायविशेष के बिना नहीं रहता है। दोनों ही सामान्य विशेष धर्मों में परस्पर तादात्म्य सम्बन्ध है। अतः उत्पाद व्यय और स्थिति की त्रयात्मकता प्रत्येक वस्तु में सदैव होती है - जिससे वह सत् कहलाती है। कहा भी गया है - "न सामन्यात्मनोदेति न व्येति व्यक्तमन्वयात्। व्येत्युदेति विशेषात्ते सहैकत्रोदयादि सत्।।"४७ प्रत्येक वस्तु में पाये जाने वाले उत्पाद व्यय और ध्रौव्य कथञ्चित् भिन्न हैं और कथञ्चित् अभिन्न हैं, यह समझाने के लिये आचार्य समन्तभद स्वामी लिखते हैं - कार्योत्पादः क्षयो हेतोर्नियमाल्लक्षणात्पृथक्। न तौ जात्याद्यवस्थानादनपेक्षा ख पुष्पवत्।।८ किसी भी कार्य के प्रति नियामक हेतु उपादान कारण होता है जो द्विविध है - त्रैकालिक (शाश्वत) और क्षणिक। द्रव्य के प्रत्येक गुण में प्रतिक्षण परिणमनधर्मा पर्याय होती है। प्रत्येक पर्याय का त्रिकाली उपादान उसका गुण होता है तथा पर्यायें स्वयं क्षणिक उपादान कहलाती हैं। क्षणिक उपादान पूर्वक्षणवर्ति पर्याय, तत्क्षणवर्तिपर्याय और उत्तरक्षणवर्तिपर्याय के भेद से त्रिविध होता है किसी भी कार्य के होने में त्रिकाली उपादान अन्वय रूप से रहता है
SR No.538067
Book TitleAnekant 2014 Book 67 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaikumar Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year2014
Total Pages384
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size1 MB
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